क्या कोविड-19 की वैक्सीन आपके पार्टनर को बना देगी नपुंसक? जानिए यह हकीकत है या फर्जी दावा
दुनिया में कोरोना महामारी को काबू करने के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है. लेकिन, इस बीच वैक्सीन विरोधी अपनी तिकड़म से बाज नहीं आ रहे हैं. इस बार टीकाकरण करा चुके लोगों में नपसुंकता से संबंध जुड़ा है.
जब से पिछले साल कोविड-19 वैक्सीन को लॉन्च किया गया है, दुनिया में उस पर बात बंद होने का सिलसिला नहीं थम रहा है. हाल ही में वैक्सीन से जुड़े कई मिथक फैल रहे थे कि कैसे ये मासिक धर्म को प्रभावित करती है. हालांकि, केंद्र सरकार ने उस बेबुनियाद दावे को खारिज कर दिया और लोगों से 'फर्जी पोस्ट' के झांसे में न आने की अपील की. वायरल पोस्ट में बताया जा रहा था कि महिलाओं को कोविड-19 की वैक्सीन मासिक धर्म के पांच दिन पहले या बाद में नहीं लगवाना चाहिए क्योंकि उस समय उन्हें बहुत कम इम्यूनिटी मिलती है.
एक कदम आगे बढ़कर एक नया मिथक जंगल में आग की तरफ फैल रहा है. टीकाकरण करा चुके लोगों में नपुंसकता की घटना बताई जा रही है. ये बेबुनियाद दावा उस वक्त चर्चा में और ज्यादा आ गया जब लोकप्रिय सिंगर निक्की मिनाज अपने 22 मिलियन सोशल मीडिया फॉलोवर्स के साथ शेयर किया कि उसके कजिन का दोस्त वैक्सीन लगवाने के बाद नपुंसक हो गया. लेकिन क्या इस हकीकत की कोई सच्चाई है? क्या कोविड-19 की वैक्सीन वास्तव में नपुंसकता की वजह बनती है?
कोविड-19 वैक्सीन और नपुंसकता के बीच क्या है संबंध?
इस साल जुलाई में इटली के शोधकर्ताओं ने दो हजार से ज्यादा पुरुषों का उनकी सेहत और नपसुंकता के बारे में सर्वे किया. ये सभी पुरुष कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए गए थे. सिर्फ यही एक रिसर्च दावा करती है कि कोविड-19 से नपसुंकता के विकसित होने की संभावना बढ़ सकती है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने ये भी कहा कि निश्चित तौर पर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस सिलसिले में और ज्यादा रिसर्च किए जाने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर कई कहानियां घूम रही हैं, ये दावा करते हुए कि कोविड-19 की वैक्सीन नपुंसक होने का कारण बन सकती है लेकिन इस दावे के समर्थन में मेडिकल सबूत बिल्कुल नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को नपुंसकता या बांझपन की वजह बतानेवाली इन कहानियों को रद्द कर दिया है.
वैक्सीन से नपुंसकता, बांझपन पुरुष या महिलाओं में नहीं
डॉक्टर राजेंद्र कुमार बताते हैं, "इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि किसी भी वैक्सीन से नपुंसकता, बांझपन या तो पुरुष या महिलाओं में होता है. किसी भी रिसर्च में अब तक टीकाकरण के बाद स्पर्म काउंट और दूसरे प्रजनन उपायों में हरानिकारक बदलाव नहीं पाया गया है." आबादी की सतह पर करोड़ों पुरुषों को इस वैक्सीन का डोज लग चुका है और टीकाकरण करा चुके पुरुषों में किसी रिसर्च से नपुंसकता का खुलासा नहीं हुआ है. इससे पहले, कोविड-19 की वैक्सीन से नपुंसक होने की वजह बननेवाले दावों को ड्रग अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने बिल्कुल बकवास बताते हुए खारिज कर दिया था. पुरुषों का बांझपन या कम स्पर्म काउंट्स और कोविड-19 वैक्सीन के बीच स्थापित संबंध नहीं है. जानना ये जरूरी है कि वैक्सीन से अस्थायी प्रभाव महसूस किया जा सकता है. नपुंसकता मोटे तौर पर डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हाई कोलेस्ट्रोल या कोरोनरी बीमारियों का भी लक्षण है. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, इसका ये भी मतलब हुआ कि कोविड-19 की वैक्सीन ऐसी बीमारियों के उभार को कम कर देगी. आपको मालूम होना चाहिए कि वैक्सीन का निर्माण इम्यून रिस्पॉन्स को मजबूत करने के लिए किया गया है.
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