वाशिंगटन: वैज्ञानिकों के अनुसार जीका वायरस के प्रकोप से बचने के लिए शुरूआती दौर में मनुष्य पर क्लीनिकल ट्रायल में एक डीएनए आधारित जीका वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है.
जीएलएस-5700 टीके में सिंथेटिक डीएनए निर्देश होते हैं जो विशेष जीका वायरस एंटीजन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम करते हैं.
जीका वायरस-
अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया के शोधकर्ताओं ने कहा कि जीका वायरस मच्छरों के काटने से होने वाला संक्रमण है जिससे जन्म के समय बच्चों में विकृतियां होने की आशंका होती है और वयस्कों में नर्व्स सिस्टम संबंधी परेशानियां होती हैं.
जीका वायरस 2015 और 2016 में ब्राजील, कैरेबियन और दक्षिण अमेरिका से फैला था. हालांकि इस संक्रमण का अभी कोई स्वीकृत टीका या उपचार उपलब्ध नहीं है.
यह पहला अध्ययन है जो दिखाता है कि डीएनए का टीका इस वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित कर सकता है जिसमें प्रतिकूल प्रभाव कम से कम होते हैं. इससे टीके के और अधिक क्लीनिकल ट्रायल के रास्ते खुल रहे हैं.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.