बच्चों में निर्णय लेने के कौशल, याददाश्त और ध्यान को बढ़ाना बेहद जरूरी है ताकि उनकी बुद्धी एकाग्र रहे. 'वासेदा विश्वविद्यालय' के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक हालिया रिसर्च में बच्चों के मस्तिष्क पर हल्के-तीव्रता वाले व्यायामों करने से काफी ज्यादा पॉजिटिव असर होता है. अध्ययन में दिखाया गया है कि आसान से दिखने वाले वर्कआउट के छोटे-छोटे झटके प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा सकते हैं. मस्तिष्क का वह हिस्सा जो महत्वपूर्ण पॉजिटिव फंक्शन के लिए ज़िम्मेदार है. यह रिसर्च  बच्चों के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने और उनके लाइफस्टाइल में सुधार करने में मदद कर सकता है. खासकर विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जो ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं. 


बच्चों के मस्तिस्क विकास को लेकर चिंता


यह देखा गया है कि दुनिया भर में लगभग 81 प्रतिशत बच्चे नियमित आधार पर शारीरिक गतिविधि के अनुशंसित स्तरों को पूरा नहीं करते हैं. यह उनके संज्ञानात्मक कार्यों और मस्तिष्क के विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है. आम तौर पर, मौजूदा अध्ययन बेहतर संज्ञानात्मक विकास के लिए मध्यम से जोरदार व्यायाम का सुझाव देते हैं - हालांकि, हालिया अध्ययन एक शारीरिक कसरत के बारे में बताता है जिसे बच्चे आसानी से कर सकते हैं.


वासेदा विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट के छात्र और वासेदा इंस्टीट्यूट ऑफ़ ह्यूमन परफॉरमेंस के विजिटिंग शोधकर्ता अध्ययन के लेखक ताकाशी नैतो ने कहा कि उन्होंने मस्तिष्क के रक्त प्रवाह पर हल्के व्यायाम के प्रभाव की जाँच की। फिर उन्होंने एक कसरत दिनचर्या तैयार की जिसे घर में या कक्षाओं के बीच में आसानी से किया जा सकता है.


यह अध्ययन स्कूल में पढ़ने वाले 41 स्वस्थ बच्चों पर किया गया. उन्हें कई आसान व्यायाम सिखाए गए जिन्हें कहीं भी किया जा सकता है. व्यायाम इस प्रकार हैं.


ऊपर की ओर खिंचाव (हाथ जोड़कर ऊपर की ओर पहुंचना)


कंधे का खिंचाव (छाती के आर-पार एक हाथ को फैलाना)


कोहनी चक्र (कोहनी को व्यापक रूप से घुमाना)


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ट्रंक ट्विस्ट (ऊपरी शरीर को मोड़ना)


हाथ धोना (हाथों को आपस में रगड़ना)


अंगूठा और पिंकी (उंगलियों की निपुणता का व्यायाम)


एकल-पैर संतुलन (संतुलन के लिए एक पैर पर खड़े होना)


रिसर्च के परिणाम


यह देखा गया कि जब छात्रों ने ये अभ्यास किए, तो प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में रक्त प्रवाह बढ़ गया. यह बढ़ा हुआ रक्त प्रवाह मस्तिष्क की बढ़ी हुई गतिविधि का संकेत है, खासकर मस्तिष्क के उन क्षेत्रों में जो निर्णय लेने, ध्यान, फोकस और स्मृति के लिए जिम्मेदार हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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