एक्सप्लोरर
Advertisement
PCOD: महिलाओं में क्यों तेजी से बढ़ रही है पीसीओडी की बीमारी, जानें कारण
डॉक्टर का कहना है पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) की वजह से महिलाओं में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है. इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.
PCOD Reason's : महिलाओं में होने वाली पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) तेजी से बढ़ती बीमारी है. पिछले 10 सालों में बड़ी संख्या में महिलाएं इसका शिकार हुई हैं. 16 साल से लेकर 40 साल की उम्र तक महिलाओं में ये समस्या देखने को मिल रही है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, देश में हर 5 में से एक महिला पीसीओएस की शिकार है. इसकी वजह से बांझपन का खतरा रहता है. साल 2021 में द लैंसट में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीमारी का इलाज न होने से 15-20 प्रतिशत महिलाएं एंडोमेट्रियल कैंसर की चपेट में आ सकती हैं. चूंकि ज्यादातर महिलाएं इस डिजीज को लेकर अवेयर नहीं हैं, इसलिए ये बीमारी खतरनाक बनती जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं पीसीओडी क्यों इतनी तेजी से बढ़ रही है...
पीसीओडी की बीमारी क्यों तेजी से बढ़ रही है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पीसीओडी बीमारी होने का कोई एक कारण नहीं है. खराब लाइफस्टाइल, बिगड़ा खानपान, मेंटल स्ट्रेस, धूम्रपान और शराब ज्यादा पीने से यह बीमारी हो सकती है. पिछले कुछ सालों में महिलाओं की खराब लाइफस्टाइल और सोने-जागने का समय तय न होने से इसका खतरा बढ़ रहा है. कुछ मामलों में ये जेनेटिक वजह से भी हो सकती है. डॉक्टर का कहना है इस बीमारी की वजह से महिलाओं में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है. जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. चेहरे पर बाल आना, पीरियड पैटर्न खराब होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
PCOD की वजह से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं
1. पीसीओडी से ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट यानी गांठ बन जाती है, जिसकी वजह से गर्भधारण करना मुश्किल हो जाता है. जिससे पीसीओडी बांझपन का कारण बन जाती है.
2. इस बीमारी के कारण महिलाओं में इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है. जिसकी वजह से उनकी सेल्स इंसुलिन सही तरह से इस्तेमाल नहीं हो पाती है. जिससे शरीर में इंसुलिन डिमांड बढ़ जाती है.
3. जब शरीर में इंसुलिन की मांग ज्यादा होती है तब पैनक्रियाज ज्यादा इंसुलिन बनाता है. एक्स्ट्रा इंसुलिन बनने से मोटापे की समस्या होने लगती है.
4. जब मोटापा बढ़ता है तो स्लीप एप्निया का रिस्क रहता है. इस कारण रात में सांस लेने में बार-बार रुकावट आती है, जिससे नींद में बाधा आ सकती है.
5. स्लीप एपनिया उन महिलाओं में ज्यादा होता है, जिनमें वजन ज्यादा होता है, खासकर उन्हें अगर पीसीओएस भी है. जिनमें मोटापा और पीसीओडी दोनों हैं, उनमें स्लीप एपनिया का रिस्क उन महिलाओं के मुकाबले 5 से 10 गुना ज्यादा है. जिन्हें पीसीओडी नहीं है.
6. पीसीओडी से हार्मोनल इंबैलेंस और अनचाहे बालों के बढ़ने जैसे लक्षण मानसिक सेहत पर बुरा असर डालते हैं. इससे महिलाएं एंग्जाइटी और डिप्रेशन की चपेट में आ जाती हैं.
PCOD की पहचान कैसे होती है
डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर उन महिलाओं में पीसीओडी की समस्या की पहचान होती है, जिनमें तीन लक्षणों में से कम से कम दो नजर आ रहे हों. ये तीन लक्षण हाई एंड्रोजन लेवल, समय पर पीरियड्स का न आना और ओवरी में सिस्ट यानी गांठ पड़ना है. ऐसा होने पर पैल्विक जांच होती है. इसके अलावा कई टेस्ट किए जाते हैं. जिनमें कोलेस्ट्रॉल, इंसुलिन और ट्राइग्लिसराइड टेस्ट होते हैं. एक अल्ट्रासाउंड भी डॉक्टर करवाते हैं, जिससे अंडाशय और गर्भाशय की जांच की जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Cancer Risk: युवाओं में तेजी से बढ़ रहा कैंसर, हर साल 15 लाख से भी ज्यादा केस! तुरंत हो जाएं सावधान
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
विश्व
दिल्ली NCR
साउथ सिनेमा
क्रिकेट
Advertisement
प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
Opinion