Women Health Check-up: मिस यूनीवर्स और मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री सुषमिता सेन को हार्ट अटैक आने के बाद महिलाओं का एक वर्ग अपने स्वास्थ्य को लेकर खासा फिक्रमंद हो गया है. कुछ रोगों के मामले में महिलाएं पुरुषों से अधिक सेंसटिव होती हैं. उन्हेें विशेष तौर पर अहतियात बरतने की भी जरूरत होती है. लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है. महिलाओं को अपनी सेहत को लेकर कॉशियंस होना चाहिए. यदि किसी तरह की परेशानी दिख रही है तो उसके लिए सबसे जरूरी काम होता है कि चेकअप कराया जाए. महिलाएं चेकअप कब कराएं? यह सवाल हमेशा उनके जहन में रहता है.


25 साल के बाद कराए रूटीन चेकअप 


डायग्नोस्टिक परीक्षण महिला हो या पुरुष किसी के भी स्वास्थ्य देखभाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. महिलाओं के लिए यह और अहम हो जाता है. 25 साल की उम्र के बाद महिलाओं को रूटीन जांच करानी चाहिए. 


सर्वाइकल कैंसर की जांच कराएं


सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं में होने वाला प्रमुख कैंसर है. टेस्ट में गर्भाशय ग्रीवा से सेल्स को इकट्ठा कर लिया जाता है. यदि किसी तरह की गड़बड़ है तो जांच में कैंसर होने या न होने की पुष्टि हो जाती है. जल्दी पता चलने पर इलाज करना आसान हो जाता है. महिलाओं 30 साल की उम्र के बाद 5 साल में एक बार सर्वाइकल कैंसर की जांच करा लेनी चाहिए. 


ब्रेस्ट कैंसर की जांच करा लें 


मैमोग्राम ब्रेस्ट कैैंसर की जांच कराने के लिए जरूरी टेस्ट होता है. महिलाएं खुद से इस टेस्ट को करा सकती हैं. इससे ब्रेस्ट में होने वाले छोटे बदलावों की भी जानकारी हो जाती है. डॉक्टरों का कहना है कि मैमोग्राम बेहद सेंसटिव जांच उपकरण है. इससे ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए कम डोज वाली एक्सरे का उपयोग किया जाता है. इससे बहुत अधिक छोटे ट्यूमर की पहचान की जा सकती है. अमेरिकन कैंसर सोसायटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, 45 से 54 वर्ष की आयु की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए साल में मैमोग्राम करवा लेना चाहिए. 55 साल से अधिक उम्र में साल में दो बार भी कराया जा सकता है. 


ये जांच भी करवाएं


वेजाइना, अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा समेत सभी प्रजनन अंगों की जांच भी समय पर करानी चाहिए. यदि परिवार में यह रोग चलता रहा है तो अधिक सीरियस हो जाना चाहिए. बोन डेंसिटी टेस्ट हड्डियों की क्षमता जांचने के लिए किया जाता है. इससे हडिडयों की गंभीर बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाया जा सकता है. मोनोपोज के बाद यह स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है. 


डायबिटीज, ब्लड प्रेशर की जांच भी कराएं


महिलाओं को लिपिड प्रोफाइल और मेटाबोलिक स्क्रीनिंग करानी चाहिए. वर्किंग वूमेन की जीवनशैली में बदलाव और इसके कारण होने वाला तनाव उन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट रोगों का जोखिम बढ़ाता है. 25 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को साल में कम से कम एक बार ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए. लिपिड प्रोफाइल कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मापता है. इनकी रेग्यूलर जांच होनी चाहिए. ये हार्ट डिसीज और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देते हैं. 25 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं को हर पांच साल में लिपिड प्रोफाइल टेस्ट और साल में कम से कम एक बार एचबीए1 टेस्ट करवाना चाहिए. 


थायराइड की जांच


थायराइड उत्तेजक हार्माेन परीक्षण इस बॉडी में थायरायड के लेवल को नापता है. टीएसएच का लेवल बहुत अधिक या बहुत कम होना थायरायड की समस्या का संकेत है. थायरायड की साल में एक बार जांच करा लेनी चाहिए.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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