हाइमन को लेकर आम हैं ये मिथ, आज ही कर लें अपनी गलतफहमी दूर
माना जाता है कि वैजाइना में पेनिट्रेट किए जाने पर हाइमन टूट जाता है.पहली बार सेक्स करने पर वैजाइना से ब्लड निकल सकता है और नहीं भी.सेक्स के दौरान वैजाइना से ब्लड फ्लो होने के कई कारण भी हो सकते हैं.
Hymen Myths : आज भी लड़कियों के कुंवारी होने का सर्टिफिकेट हाइमन माना जाता है. बिना किसी वैज्ञानिक आधार पर हाइमन को लेकर गलतफहमियां बनी हुई है. हाइमन और वर्जिनिटी का सोशल टैबू ऐसा बना हुआ है कि लोग वास्तविकता से काफी दूर हो गए हैं. यही कारण है कि हाइमन को लेकर कई तरह के मिथ काफी कॉमन हो गए हैं.
कई सालों से यह मिथ समाज में है कि जब कोई लड़की पहली बार सेक्स करती है, तो उसका हाइमन टूट जाता है और इसकी वजह से ब्लीडिंग होती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो मान लिया जाता है कि लड़की अपनी वर्जिनिटली पहले ही खो चुकी है, जबकि सच्चाई इससे काफी अलग है. ऐसे में आइए जानते हैं हाइमन को लेकर कुछ आम मिथ्स और सच्चाई...
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हाइमन क्या होता है
वैजाइना के वल्वा के ऊपर जो पतली झिल्ली होती है, उसे ही हाइमन (Hymen) कहा जाता है. यह सॉफ्ट टिश्यू से बनी रहती है और वल्वा को ढके हुए होती है. इसकी बनावट वैजाइना जैसी ही होती है. माना जाता है कि वैजाइना (Vagina) में पेनिट्रेट किए जाने पर हाइमन टूट जाता है. पहली बार सेक्स करने पर वैजाइना से ब्लड निकल भी सकता है और नहीं भी. सेक्स के दौरान वैजाइना से ब्लड फ्लो होने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं. इसमें सेक्स के लिए पूरी तरह तैयार न होना, मन में किसी तरह का स्ट्रेस या इंफेक्शन.
Myth : हाइमन वैजाइना के मुंह यानी वल्वा को पूरी तरह बंद रखता है
Fact : ये सबसे बड़ी गलतफहमी है, क्योंकि अगर हाइमन वैजाइना के मुंह को पूरी तरह बंद रखता, तो पीरियड ब्लड रिलीज नहीं हो पाता. कुछ लड़कियों में ये समस्या होती है. उनकी वैजाइना हाइमन से पूरी तरह ढकी रहती है. जिसके लिए उन्हें ऑपरेशन से वल्वा खुलवाना पड़ता है.
Myth : हाइमन केवल और केवल पेनिट्रेशन के लिए ही बना है
Fact : माना जाता है कि हाइमन सिर्फ पेनिस के लिए बना है, जो पेनिट्रेशन के बाद फट जाता है. जबकि ऐसा नहीं है, हाइमन का पेनिट्रेशन से किसी तरह का कोई मतलब नहीं है. कई बार सेक्स करने पर भी ये फैल जाता है और फटता नहीं.
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Myth : पहली बार सेक्स पर ब्लीडिंग न होने का मतलब है कि हाइमन पहले ही खुल चुका है
Fact : एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह पूरी तरह गलता है, क्योंकि कई बार टैम्पोन, सेक्स टॉय या फिंगरिंग से भी हाइमन फट जाता है. पहली बार सेक्स करने पर हाइमन में खिंचाव भी हो सकता है, जिससे दर्द और ब्लीडिंग हो सकती है. बाइक चलाने या साइकिलिंग से भी हाइमन खुल सकता है. चूंकि यह एक नाजुक झिल्ली होती है, इसलिए एक बार टूटने के बाद दोबारा नहीं जुड़ती है.
Myth : पहली बार सेक्स करने पर ही हाइमन टूटता है
Fact : एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाइमन कभी टूटता ही नहीं है. हाइमन एक टिश्यू होता है, जिसमें कट तो लग सकता है, यह फैल सकता है या अंदर की तरफ भी जा सकता लेकिन टूट नहीं सकता है. एस्ट्रोजन हार्मोन हाइमन की इलास्टिसिटी को बनाता है. यह सेक्स के बाद अंदर भी चला जा सकता है. उम्र, सेक्स और एक्सरसाइज के अलावा प्रेगनेंसी के बाद हाइमन फैलता है.
Myth : हाइमन, वर्जिनिटी की पहचान होती है
Fact : हाइमन किसी भी लड़की की वर्जिनिटी को नहीं बताती है. हाइमन को देखकर गायनेकोलॉजिस्ट के लिए भी किसी की सेक्स एक्टिविटी का अंदाजा लगाना मुश्किल है, इसलिए हाइमन और वर्जिनिटी में ज्यादा नहीं उलझना चाहिए और इसे लेकर गलतफहमियां नहीं पालनी चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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