Pregnancy Signs : ज्यादातर महिलाएं जो प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, वो इसे कंफर्म करने के लिए पीरियड मिस होने का इंतजार करती हैं, क्योंकि इसे प्रेगनेंसी का सबसे बड़ा संकेत माना जाता है. इसके बाद प्रेगनेंसी टेस्ट से कंफर्म करती हैं. लेकिन प्रेगनेंसी कंफर्म करने के लिए सिर्फ यही एक तरीका नहीं है. कंसीव करने के बाद महिलाओं की बॉडी में कई ऐसे लक्षण (Pregnancy Symptoms) नजर आते हैं, जिससे आसानी से समझा जा सकता की वे प्रेगनेंट हैं या नहीं. आइे जानते हैं ऐसे ही 6 लक्षणों के बारें में...




प्रेगनेंसी कंफर्म होने के 6 लक्षण




1. हल्की ब्लीडिंग




जब एग फर्टिलाइज होने के बाद यूट्रस की लाइनिंग से चिपकता है, तो इम्प्लांटेशन प्रक्रिया में कुछ ब्लड सेल्स फट जाते हैं. जिसकी वजह से थोड़ी सी ब्लीडिंग हो सकती है. इसमें बहुत हल्का ब्लड निकलता है और पेट के निचले हिस्से में ऐंठन हो सकता है.




2. उल्टी-मतली महसूस होना




कंसीव करने के बाद महिलाएं जब सुबह उठती हैं तो उन्हें उल्टी या मतली जैसा महसूस हो सकता है. यह दिन में कभी भी हो सकता है. ऐसा हार्मोनल बदलाव की वजह से हो सकता है. ऐसे लक्षण होने पर प्रेगनेंसी टेस्ट करवाना चाहिए.




3. ब्रेस्ट में बदलाव




कंसीव होने के बाद ब्रेस्ट में बदलाव महसूस हो सकता है. इससे ब्रेस्ट में भारीपन, सूजन और दर्द हो सकता है. ये प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. निपल्स का रंग गहरा हो सकता है. निपल्स के चारों तरफ त्वचा में बदलाव हो सकता है.




4. थकान लगना




कंसीव करने के बाद महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं. इसकी वजह से थकान और कमजोरी हो सकती है. अगर पीरियड्स मिस होने के साथ बहुत ज्यादा थकावट हो तो ये प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है.




5. बार-बार यूरिन आना




पीरियड मिस होने के बाद बार-बार यूरिन आ सकता है. यह कंसीव करने का एक लक्षण हो सकता है. प्रेगनेंसी में गर्भाशय का आकार बढ़ने की वजह से ब्लैडर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है. जिससे बार बार यूरिन लगती है.


6.ऐंठन होना 



ऐंठन होना गर्भावस्था का एक शुरुआती लक्षण है और यह गर्भाशय में रक्त का बहाव बढ़ने के कारण हो सकता है. हालांकि, लोगों को इसे पीएमएस या नियमित पीरियड के कारण होने की गलतफहमी हो सकती है. महिलाओं में सामान्य माहवारी से कुछ समय पहले इसी तरह की ऐंठन अक्सर होती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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