महिलाओं में चुपके से आती हैं ये 5 'साइलेंट किलर' बीमारियां, ध्यान नहीं दिया तो बन जाएगी बड़ा खतरा...
महिलाओं में भी कई बीमारियां 'साइलेंट किलर' होती हैं. ये बीमारियां शरीर में बढ़ती चली जाती हैं, लेकिन इनके लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते.
Silent Killer Diseases In Women: ज्यादातर बीमारियां ऐसी होती हैं जो किसी व्यक्ति के शरीर में बढ़ती चली जाती हैं और उसे इस बात की भनक तक नहीं लगने देतीं. न सिर्फ पुरुषों में बल्कि महिलाओं में भी कई खतरनाक बीमारियां चोरी-छिपे आती हैं. जब तक इनका पता चलता है, तब तक या तो बहुत देर हो चुकी होती है या इलाज करना असंभव हो जाता है. महिलाओं में भी कई बीमारियां 'साइलेंट किलर' होती हैं. ये बीमारियां शरीर में बढ़ती चली जाती हैं, लेकिन इनके लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते और अगर दिखते भी हैं तो इन्हें अक्सर सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है.
आजकल के खराब खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से ज्यादातर लोग किसी न किसी बीमारी का सामना कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि महिलाओं में कौन-कौन सी बीमारियां 'साइलेंट किलर' होती हैं.
एनीमिया
एनीमिया एक कॉमन प्रॉब्लम है, जो ज्यादा किशोर लड़कियों में देखी जाती है. क्योंकि वे ज्यादातर ऐसे फूड आइटम्स खाती हैं, जिनसे शरीर को ठीक से पोषण नहीं मिल पाता. एनीमिया से बचने के लिए आयरन, विटामिन C और फोलेट से भरपूर भोजन का सेवन किया जाना चाहिए. आयरन से भरपूर आहार में बीन्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, पोल्ट्री, ऑर्गन मीट और सूखे मेवे शामिल हैं. विटामिन C खट्टे फलों, पपीता, पालक और शिमला मिर्च में पाया जाता है. जबकि फोलेट साबुत अनाज, अंडे, मूंगफली, हरी पत्तियों और बीजों में मौजूद होता है.
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD)
इस बीमारी का पता आमतौर पर तब चलता है, जब कोई महिला गर्भवती होने की कोशिश कर रही होती है. ये एक हार्मोनल इंबैलेंस है, जिसका प्रभाव मेटाबोलिक हेल्थ पर पड़ता है. इसके सामान्य दुष्प्रभावों में मोटापा और इंसुलिन रेजिस्टेंस शामिल हैं. इस बीमारी में रिफाइंड कार्ब्स, चीनी से भरपूर भोजन और प्रोसेस्ड फूड से बचने की जरूरत होती है. साबुत अनाज और फलियां इंसुलिन रेजिस्टेंस में काफी मदद करती हैं.
मेनोपॉज
मेनोपॉज एक महत्वपूर्ण हार्मोनल चेंज है, जो सभी महिलाओं में होता है. इसमें फीमेल हार्मोन यानी एस्ट्रोजन कम हो जाता है. दिल की बीमारी के खिलाफ इसकी प्रोटेक्टिव एक्टविटी भी कम हो जाती है. यह समय नॉन कम्युनिकेबल डिजीज के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आह्वान करता है.
दिल की बीमारी
मेनोपॉज के साथ लिपिड में बढ़ोतरी होती है और ब्लड वैसल्स की वॉल्स में बदलाव होता है. इसकी वजह से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए साबुत अनाज, फलियां, ताजे फल और सब्जियां, मेवे और हेल्दी फैट का सेवन करना चाहिए. 30 से 40 मिनट की एक्सरसाइज के साथ लो-सेचुरेटेड फैट, लो-ट्रांस फैट और हाई फाइबर वाला भोजन खाना चाहिए. इससे हृदय रोग को रोकने में काफी मदद मिल सकती है.
बोन हेल्थ
महिलाओं में हड्डियों का स्वास्थ्य यानी बोन हेल्थ 30 के दशक में बिगड़ना शुरू हो जाता है. हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम के सेवन के साथ-साथ एक्सरसाइज करना जरूरी है. डेयरी प्रोडक्ट कैल्शियम का सबसे अच्छा सोर्स माने जाते हैं, जैसे दूध, दही या पनीर आदि. आप शाकाहारी सोया दूध भी चुन सकते हैं. ये शरीर को प्रोटीन और फास्फोरस प्रदान करते हैं, जिनसे हड्डियों के निर्माण में मदद मिलती है.
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