Ectopic Pregnancy : मां बनना सबसे खूबसूरत अहसास होता है, लेकिन उतना ही मुश्किलों वाला भी. इस दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. ऐसी ही एक समस्या है एक्टोपिक प्रेगनेंसी, जो 5-10% तक होती है.  नॉर्मल प्रेगनेंसी में भ्रूण (Fetus) का ग्रोथ गर्भाशय (Uterus) में होता है, जबकि एक्टोपिक प्रेगनेंसी में फैलोपियन ट्यूब्स या अंडाशय (Ovary) के अंदर ही विकसित होने लगता है. इसमें मिसकैरेज (Miscarriage) का खतरा काफी ज्यादा होता है. ऐसे में आइए जानते हैं एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्यों होती है और ये क्यों खतरनाक है...


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एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्यों होती है




गायनेकोलॉजिस्ट्स के अनुसार, पोषक तत्वों की कमी और भ्रूण के विकसित होने के लिए जगह न मिल पाने की वजह से भ्रूण नष्ट हो जाता है, जिससे मिसकैरेज होता है. इस दौरान काफी ज्यादा ब्लीडिंग होती है. डॉक्टर्स का कहना है कि एक्टोपिक प्रेगनेंसी का कोई स्पष्ट कारण तो नहीं है लेकिन इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स हैं.




एक्टोपिक प्रेगनेंसी के कारण




1. फैलोपियन ट्यूब में रुकावट या किसी तरह का इंफेक्शन की वजह से एक्टोपिक प्रेगनेंसी हो सकती है.




2. एंडोमेट्रिओसिस की बीमारी भी एक्टोपिक प्रेगनेंसी का एक कारण हो सकती है.




3. गर्भाशय यानी यूट्रस में किसी तरह की समस्या होने पर एक्टोपिक प्रेगनेंसी हो सकती है.




4. प्रेगनेंसी के दौरान इंफेक्शन या अन्य समस्याओं की वजह से भी एक्टोपिक प्रेगनेंसी का खतरा रहता है.


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एक्टोपिक प्रेगनेंसी के खतरे




एक्टोपिक प्रेगनेंसी का सबसे ज्यादा खतरा ये है कि इससे भविष्य में मां बनने की संभावना ही कम हो सकती है. गायनेकोलॉजिस्ट्स के मुताबिक,एक्टोपिक प्रेगनेंसी के दौरान ट्यूब रप्चर करने पर ब्लड दूसरे ट्यूब में जमा हो सकता है. ऐसी कंडीशन में डॉक्टर एक ट्यूब को हटा सकते हैं, जिससे कंसीव कर पाना काफी मुश्किल हो सकता है. हालांकि, कुछ तरीके ऐसे हैं, जिससे आप मां बन सकती हैं या इसका इलाज किया जा सकता है.




एक्टोपिक प्रेगनेंसी से कैसे बचें




गायनेकोलॉजिस्ट्स के अनुसार, एक बार एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने पर भ्रूण को नष्ट करना ही पड़ता है, ऐसे में इससे बचाव का कोई खास तरीका नहीं है. इससे मां और बच्चे दोनों को खतरा होता है. हालांकि, अगर रिस्क फैक्टर्स को कंट्रोल कर लिया जाए तो इससे बचा सकता है. ऐसे में महिलाओं को शराब-सिगरेट से दूर रहना चाहिए. अगर पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज है, तो बिना देर किए उसका इलाज कराना चाहिए. इसके अलावा डॉक्टर से सही सलाह लेनी चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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