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क्या ज्यादा उम्र में मां बनना हो सकता है 'रिस्की', जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर लड़की के शरीर में जन्म से ही गर्भाशय के पास अंडाशय में अंडों की एक निश्चित संख्या होती है. पीरियड्स शुरू होने के बाद हर महीने इन अंड़ों की संख्या कम होने लगती है.
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ओवर एज के बाद प्रेगनेंसी के साइड इफेक्ट्स
Source : Freepik
Women Fertility: आजकल महिलाएं लेट प्रेगनेंसी की सोच रही हैं. यह काफी कॉमन भी हो गया है. इसका कारण है कि बड़ी संख्या में महिलाएं अपने करियर को ज्यादा महत्व दे रही हैं. अच्छी तरह से सेटल होने के बाद ही वे शादी कर रहीं और मां बनना चाहती हैं. लेकिन बड़ी उम्र जैसे 35-50 साल में गर्भवती होने में कई समस्याएं हैं. क्या इस वक्त तक बच्चे का इंतजार करना ठीक है. ऐसे की कई सवालों का जवाब महिलाएं जानना चाहती हैं. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि बड़ी उम्र में प्रेगनेंसी (Pregnancy) में क्या-क्या दिक्कतें होती हैं...
महिलाओं की उम्र और प्रेगनेंसी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर डॉक्टर 35 साल के आसपास की महिलाओं को एक साल तक इंतजार करने को कहते हैं ताकि वे नेचुरल तरीके से गर्भधारण कर सकें. 35 से 40 की उम्र में महिलाओं को नेचुरली कंसीव करने के लिए 6 महीने का इंतजार करने को कहा जाता है. लेकिन 40 साल से ज्यादा उम्र वाली महिलाओं को इंतजार करने की बजाय फर्टिलिटी एक्सपर्ट से मिलकर प्रेगनेंसी प्लानिंग करने की सलाह दी जाती है.
बड़ी उम्र में प्रेगनेंसी में क्या-क्या समस्याएं
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हर लड़की के शरीर में जन्म से ही गर्भाशय के पास अंडाशय में अंडों की एक निश्चित संख्या होती है. पीरियड्स शुरू होने के बाद हर महीने इन अंड़ों की संख्या कम होने लगती है. 30-35 की उम्र के बाद अंडों की संख्या में तो कमी आने ही लगती है, उनकी क्वॉलिटी भी खराब होने लगती है. इस वजह से किसी महिला के गर्भवती होने में कई तरह की परेशानियों का सामाना करना पड़ता है. 40 से 50 साल की महिलाओं में मेनोपॉज शुरू होने वाला होता है, ऐसे में अंडों की संख्या और भी ज्यादा कम हो जाती है और क्वालिटी भी पहले जैसी नहीं होती है. ऐसे में गर्भधारण करने में मुश्किलें आती हैं. इस वजह से बच्चे में क्रोमोसोम से जुड़ी समस्याएं और बीमारियों का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है. मिसकैरेज का रिस्क भी काफी हद तक बढ़ जाता है.
क्या 40-50 की उम्र में प्रेगनेंसी संभव है
यह ऐसी उम्र होती है, जब महिलाएं पेरिमेनोपॉज की स्थिति में होती हैं और उनके पीरियड्स साइकल को प्रेडिक्ट कर पाना काफी मुश्किल होता है. इसलिए ऐसी महिलाओं को डॉक्टर फर्टिलिटी की दवाईयां देते हैं ताकि वे सही तरह से ऑव्यूलेट कर पाएं. कई बार दवाईयां लेने के बाद महिला गर्भवती हो जाती है लेकिन कई बार यह संभव नहीं भी होता है.
अधिक उम्र में प्रेगनेंट होने वाली महिलाओं में क्या-क्या समस्याएं
बड़ी उम्र में महिलाओं के लिए कंसीव करना तो मुश्किल होता ही है. अगर वे किसी तरह गर्भवती हो भी जाती हैं तो उन्हें हाई रिस्क की कैटेगरी में रखा जाता है. क्योंकि बड़ी उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं में कई तरह के रिस्क होते हैं...
1. प्री-एक्लेम्प्सिया (हाई ब्लड प्रेशर का ही एक प्रकार जो प्रेगनेंसी में पैदा होता है और जानलेवा हो सकता है)
2. जेस्टेशनल डायबिटीज यानी प्रेगनेंसी में डायबिटीज होना.
3. इक्टोपिक प्रेगनेंसी
4. मिसकैरेज का खतरा
5. स्टिलबर्थ यानी गर्भ में ही बच्चे की मौत होना
6. सी-सेक्शन डिलिवरी का रिस्क
7. प्री-मैच्योर डिलिवरी का रिस्क
बड़ी उम्र की महिलाओं के जन्म लेने वाले बच्चों में होने वाली दिक्कतें
जन्मजात दोष
सीखने की क्षमता कम होना
गुणसूत्र से जुड़ी बीमारियां
जन्म से बच्चे का कम वजन
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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शंभू भद्रएडिटोरियल इंचार्ज, हरिभूमि, हरियाणा
Opinion