Liquor in Pregnancy : महिलाओं में ड्रिंकिंग का बढ़ता शौक खतरनाक हो सकता है. इससे उन्हें प्रेगनेंसी से पहले और प्रेगनेंसी के दौरान कई खतरे हो सकते हैं. ज्यादा शराब पीने से इंफर्टिलिटी की समस्या बढ़ सकती है. प्रेगनेंसी में एल्कोहल के सेवन से मां ही नहीं बच्चे की सेहत भी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. इसलिए 9 महीने तक महिला की खानपान का खास ख्याल रखना पड़ता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं को शराब से दूरी बनानी चाहिए, वरना इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं.




रोज शराब पीने से इंफर्टिलिटी का खतरा




गायनोकॉलजिस्ट्स के अनुसार, महिला हो या पुरुष हैवी ड्रिंकिंग या हर दिन एल्कोहल पीने से इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है.  महिलाओं में शराब पीने से ऑव्यूलेशन कम होने का खतरा रहता है. इससे कंसीव करने में परेशानी हो सकती है. अगर कोई महिला किसी तरह कंसीव भी कर ले तो तो फीटस यानी भ्रूण में इसके साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं. महिला की ड्रिकिंग हैबिट बच्चे में कई तरह के डिसऑर्डर पैदा कर सकती है.


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शराब का बच्चे के दिमाग पर पड़ सकता है असर




नीदरलैंड्स के इरासमस मेडिकल सेंटर के एक रिसर्च में पाया गया कि एक हफ्ते में सिर्फ एक ग्लास शराब पीने से ही पेट में पल रहे बच्चे का चेहरा हमेशा के लिए बदल सकता है. इतना ही नहीं प्रेगनेंसी में अल्कोहल के सेवन से बच्चे को फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर हो सकती है.


इसका असर बच्चे के चेहरे और दिमाग पर पड़ सकता है. वह मानसिक तौर पर कमजोर भी हो सकता है. उसका व्यवहार भी बदल सकता है. इससे पहले आई एक रिसर्च में बताया गया कि प्रेगनेंसी में हर हफ्ते 70 ग्राम शराब बच्चे और मां की सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है.


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प्रेगनेंसी में क्यों नहीं पीनी चाहिए शराब




1. शराब नली के माध्यम से बच्चे तक पहुंच सकती है और उसकी ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है.




2. शराब पीने से गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी और मृत शिशु का खतरा बढ़ जाता है.




3. इससे फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (FASD) का रिस्क बढ़ सकता है.




4. प्रेगनेंसी से पहले या बाद में शराब पीने का लॉन्ग टर्म साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकता है.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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