Uterus Prolapse : बच्चेदानी महिला का प्रजनन अंग है. बच्चे के जन्म होने, उसे रखने और पोषण देने में इसकी अहम भूमिका है, इसलिए इसका (Uterus) का खास ख्याल रखने की डॉक्टर सलाह देते हैं, क्योंकि जरा सी लापरवाही कई समस्याओं को बढ़ा सकती है. इसकी वजह से बच्चेदानी में इंफेक्शन, सूजन, सिस्ट और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा बच्चेदानी बाहर खिसक सकती है, जो खतरनाक हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं बच्चेदानी खिसकने से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं, इससे कैसे बच सकते हैं...


बच्चेदानी बाहर खिसकने से परेशानियां
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मतुाबिक, बच्चेदानी ब्लैडर और रेक्टम के बीच में होती है. बच्चेदानी बाहर की ओर खिसकने पर सबसे ज्यादा परेशानी भी इन्हीं दोनों को होती है. इसकी वजह से कब्ज, पेशाब करने में दिक्कत, हंसने, खांसने और कूदते समय यूरीन निकलना, पेट के नीचे वजाइना के पास भारीपन, नीचे बैठने में दिक्कत और दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.


बच्चेदानी बाहर क्यों खिसकती है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बच्चेदानी खिसकने के एक नहीं कई कारण हो सकते हैं. इसमें उम्र बढ़ना, शरीर कमजोर होना, बच्चे पैदा करना और मेनोपॉज जैसे फैक्टर्स हैं. जब उम्र बढ़ती है तो शरीर का निचला हिस्सा कमजोर होने लगता है. पेल्विक वाले एरिया, पैर, पीठ की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिसकी वजह से बच्चेदानी बाहर की ओर खिसकने लगती है. 


बच्चेदानी को बाहर खिसकने से रोकने के उपाय


1. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कई महिलाओं का हीप पीछे की ओर से ऊपर उठ जाता है और वे आगे झुकी नजर आती हैं. ये पोश्चर बच्चेदानी वाले एरिया को कमजोर कर सकता है, इसलिए पोश्चर सही बनाए रखें.


2. स्क्वाट्स एक्सरसाइज करने से पोश्चर सही करने में मदद मिलती है.


3. कीगल एक्सरसाइज से बच्चेदानी को मजबूत बना सकती हैं. एक जगह बैठकर पेल्विक एरिया को ओपन करते हुए पैर फालएं और चिपकाएं. इस तरह रोजाना 10 बार करने से यूटरेस मजबूत होगा.


4. वॉशरूम में बैठते समय शरीर पर प्रेशर न डालें. इसका असर बच्चेदानी पर पड़ता है. पोश्चर भी सही रखें.


5. बच्चेदानी को मजबूत करने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और साइकलिंग करें.


6. हेल्दी डाइट ही फॉलो करें, खाने में आंवला, शहतूत, करौंदा खाएं.


7. हर दिन दोपहर में कम से कम 20 मिनट की नींद लें और शरीर को रेस्ट दें.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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