शहरों में रहने वाली लड़कियों में कॉमन हो रही है सारा अली खान वाली ये बीमारी, इग्नोर करना हो सकता है खतरनाक
WHO के अनुसार, पीसीओएस या पीसीओडी मां बनने की उम्र में करीब 8-13 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है. पूरी दुनिया में इस बीमारी की शिकार 70% महिलाओं का इलाज नहीं हो पाता है.
PCOD : एक्ट्रेस सारा अली खान एक ऐसी बीमारी से जूझ रही हैं, जो आज यंग लड़कियों में में होना आम बात हो गई है. देश में हर 10 में से 1 महिला इसकी चपेट में है. सारा अली खान ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत से पहले बताया था कि कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उनका वजन 96 किलो था लेकिन इसी बीमारी के चलते वह इसे कम नहीं कर पा रही थीं. इस बीमारी का नाम पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) है. इसे PCOD भी कहा जाता है.
WHO के अनुसार, पीसीओएस मां बनने की उम्र में करीब 8-13 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित करता है. पूरी दुनिया में इस बीमारी की शिकार 70% महिलाओं का इलाज नहीं हो पाता है. गांवों की तुलना में शहरों में रह रही लड़कियों को इसका खतरा ज्यादा है. इसका कारण बाहर का खाना, सॉफ्ट ड्रिंक्स, पैकेज्ड फूड, अधूरी नींद, स्ट्रेस और जीरो एक्सरसाइज है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर पीसीओडी या पीसीओएस क्या है, किन कारणों से होता है, इसके लक्षण क्या हैं और ठीक कैसे किया जा सकता है.
PCOS क्या है
पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) महिलाओं में होने वाला हार्मोंस इम्बैलेंस है. दरअसल, कुछ लड़कियों की ओवरी में एंड्रोजेनेस(पुरुष हार्मोन) का प्रोडक्शन ज्यादा होने लगता है. इससे ओव्यूलेशन रेगुलर तौर पर ही हो पाता है. इसमें ओवरी में छोटी-बड़ी गांठें बन जाती हैं. धीरे-धीरे इनका आकार बड़ा होने लगता है, जिससे फर्टिलिटी और इर्रेगुलर पीरियड की परेशानी होने लगती है. अगर इसका सही समय पर इलाज न कराया जाए तो कई खतरे हो सकते हैं. इसलिए पीसीओएस के लक्षण दिखते ही इसे क्योर करने पर फोकस करना चाहिए.
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पीसीओएस के लक्षण क्या हैं
बांझपन
डायबिटीज
हाइपरटेंशन
चेहरे पर मुंहासे
फेशियल-बॉडी हेयर ग्रोथ
डिप्रेशन
हार्ट डिजीज
पीसीओएस क्यों होता है
हार्मोंस इम्बैलेंस यानी हार्मोनल असंतुलन
मोटापा
तला-भुना खाना
डायबिटीज
हाई ब्लड प्रेशर
तनाव
अनियमित लाइफस्टाइल
सिगरेट-शराब पीना
PCOS होने के क्या खतरे हैं
1. महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पीड़ित 70-80% महिलाएं इनफर्टिलिटी से प्रभावित हैं.
2. महिलाएं हॉर्मोनल इंबैलंस की वजह से इमोशनली उतार-चढ़ाव का सामना करती हैं.
3. वजन तेजी से बढ़ने लगता है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है.
4. पीरियड्स समय से नहीं आते और कम या ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है.
5. PCOS यूट्रस की एंडोमेट्रियल लाइनिंग पर असर डालता है. इसमें एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा रहता है.
PCOS से बचने के लिए क्या करें
चाय-कॉफी लेना बंद करें.
स्मोकिंग और अल्कोहल से बचें.
रोज कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें.
साइकिलिंग, वॉकिंग, रनिंग, डांस कर खुद को एक्टिव रखें.
शरीर को हाइड्रेट रखें. पानी-जूस खूब पिएं.
प्रॉसेस्ड फूड्स से दूर रहें, कोशिश करें घर का ही खाना खाएं.
खाने में फाइबर जरूर शामिल करें. सब्जियां, दालें-दलियां खाएं.
ऑयली-मसालेदार खाना अवॉयड करें.
मौसम से हिसाब से खानपान रखें.
स्ट्रेस दूर और माइंड रिलैक्स रखने के लिए पसंदीदा काम करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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