50 से 60 साल की उम्र में महिलाओं को हो सकती हैं ये बीमारी, जांच से नहीं आएगी आंच
उम्र बढ़ने के साथ आपको हर साल अपना मेडिकल टेस्ट करवाना चाहिए. 50 से 60 साल की उम्र में महिलाओं को हार्ट, आंख, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, बोन और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाना जरूरी है.
उम्र बढ़ने के साथ महिला हो या पुरुष कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं परेशान करने लगती हैं. आजकल की लाइफस्टाइल में बहुत कम लोग ऐसे हैं जिन्हें 50 साल के बाद शरीर में किसी तरह की बीमारी नहीं है. 50से 60 साल की उम्र ऐसी होती है जिसमें महिलाएं भी कई तरह की समस्या से जूझ रही होती हैं. ऐसे में लक्षण उभरने पर जांच कराने से बेहतर है कि आप अपनी बीमारी को पहले से ही पहचान लें.
50 साल की उम्र में कुछ मेडिकल टेस्ट हर साल करवाने चाहिए. इस उम्र में महिलाओं को ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉ, डायबिटीज, हार्ट और आंखों से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं. अगर आप समय रहते जांच करवा लेते हैं तो समस्या को गंभीर होने से बचाया जा सकता है. आइए जानते हैं कि 50 और 60 साल की उम्र में महिलाओं के लिए कौन से टेस्ट जरूरी हो जाते हैं.
50 की उम्र के बाद मेडिकल जांच
- हार्ट की जांच- 50 की उम्र में आपको हर साल ईसीजी, इको, ईकेजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) बीपी और टीएमटी कराने चाहिए.
- साइकोलॉजिकल स्क्रीनिंग- इस उम्र तक महिलाओं को मेनोपॉज हो जाता है, जिसकी वजह से महिलाओं में मूड स्विंग, डिप्रेशन, नींद नहीं आना, चिड़चिड़ापन जैसी परेशानी होने लगती है. इस उम्र में 75% महिलाओं में हार्मोंस बदलाव होते हैं.
- कोलेस्ट्रॉल की जांच- आपको हर साल कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए. अगर आपको डायबिटीज, हार्ट या किडनी से जुड़ी कोई समस्या है तो इससे भी जल्दी डॉक्टर की सलाह पर टेस्ट करवाते रहें.
60 की उम्र के बाद मेडिकल जांच
- ब्लड प्रेशर जांच- हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण दिखे बिना ही स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए आपको नियमित रुप से अपनी मेडिकल जांच करवानी चाहिए.
- बोन डेंसिटी टेस्ट- 60 साल की उम्र में महिला और पुरुष दोनों को ही हड्डियों से जुड़ी समस्याएं परेशान करने लगती हैं. बुजुर्गों को इस उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए साल में 1 बार बोन डेंसिटी टेस्ट भी करवा लें.
- आंखों का टेस्ट- उम्र बढ़ने के साथ आंखों में मोतियाबिंदु या ग्लूकोमा का शिकायत होने लगती है. आपको हर 6 पर डॉक्टर की सलाह से आंखों की जांच करवाते रहना चाहिए.
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