ऐसे ब्रांड जिसका इस्तेमाल महिलाएं अपने इंटरनल ऑर्गन और ब्यूटी प्रो़डक्ट में इस्तेमाल करती है. ऐसे ही प्रोडक्ट ने आपस में मिलकर एक अभियान चलाया है. जिसका नाम MUA है. MUA के रिसर्च के मुताबिक महिलाएं अपने जेनाइटल ऑर्गन में होने वाली दिक्कतों को अक्सर छिपाती है. क्योंकि उन्हें इसके बारे में बात करने और शेयर करने में शर्मिंदगी महसूस होती है.
क्या कहता है रिसर्च?
'द ट्रुथ अनड्रेस्ड' में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक शर्म और पर्याप्त शिक्षा का अभाव के कारण महिलाओं को सही इलाज नहीं मिल पाता है. जिसके कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होती है. कहीं न कहीं यह महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी के कारण भी ऐसा होता है.
महिलाएं अपनी जेनाइटल प्रॉब्लम को लेकर कब होती है जागरूक?
इस रिसर्च के मुताबिक 67% महिलाओं ने माना है कि वह अपने जेनाइटल अंगों में कुछ बदलाव करना चाहती है. महिलाएं ने माना कि वह इसलिए भी शर्माती है क्योंकि ऐसी सामाजिक स्थिति बनी हुई है या उन्हें बचपन से सिखाया गया है कि महिला और पुरुष एक दूसरे काफी ज्यादा अलग है. दोनों में बॉलोजिकल डिफ्रेंस होते हैं.
16-55 साल की आयु की केवल 6% यू.के. महिलाओं को स्कूल और विश्वविद्यालय शिक्षा के जरिए उनके इंटरनल ऑर्गन को लेकर जागरूक किया जाता है. लगभग 2/3 महिलाओं तो जेनाइटल प्रॉब्लम के बारे में तब पता चला जब उनके जेनाइटल ऑर्गन में इंफेक्शन हुआ. तब उन्हें इसके बारे मे पहली बार अनुभव हुआ.
दोनों ब्रांडों ने मिलकर एक फ्री ऑनलाइन शिक्षण संसाधन तैयार किया है. अपनी संयुक्त विशेषज्ञता और जेनाइटल और महिला स्वास्थ्य से जुड़े कलंक को खत्म करने के लिए यह दोनों कंपनी मिलकर काम कर रही है. दोनों ब्रांडों ने द ट्रुथ अनड्रेस्ड बनाया है. जेनाइटल ऑर्गन के हाइजिन और बीमारियों से बचाने के लिए यह दोनों कंपनी काम कर रही है.
सुपरड्रग वेबसाइट पर, ब्रांड ने कहा राष्ट्रीय पाठ्यक्रम निकाय पीएसएचई एसोसिएशन के साथ मिलकर, माध्यमिक विद्यालयों (11-18 वर्ष की आयु के लिए) में उपयोग के लिए शिक्षण संसाधनों की एक नई श्रृंखला बनाई गई है. इसके अलावा, कैनस्टेन ने हम सभी को इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी तक अधिक ज्ञान और पहुंच प्रदान करने के लिए एक समर्पित तथ्य-आधारित हब और सोशल वीडियो लॉन्च किया है. बेयर कंज्यूमर हेल्थ यूके में कैनस्टेन के लिए .
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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