‘लांसेट रिपोर्ट’ के मुताबिक साउथ एशिया की औरतें ज्यादातर पीठ के निचले हिस्से में दर्द से पीड़ित हैं. यह बीमारी साउथ एशियन औरतों में काफी ज्यादा देखा गया है . साउथ एशिया के अलावा यूरोप, पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया की औरतों में इस तरह की बीमारी देखी गई है. रिसर्चर ने दावा किया है कि लिंग के आधार पर देखें तो महिला और पुरुषों में अलग-अलग तरह की बीमारी होती है.
महिलाओं की मौत गैर-घातक बीमारी के कारण होती है
लैंसेट पब्लिक हेल्थ जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मौत अचानक से हो जाती है. जिनमें कोविड-19, दिल की बीमारी, एक्सीडेंट और सड़क पर चोट लगने के कारण होने वाली मौत के कारण होती है. वहीं इस रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि महिलाओं की मृत्यु घातक बीमारियों से नहीं बल्कि गैर-घातक बीमारियों के कारण होती है जैसे मेंटल हेल्थ, दिमाग स्थिति खराब और सिरदर्द के कारण.
कोविड के कारण महिलाओं की तुलना में 45 प्रतिशत पुरुषों ने खोया जिंदगी
इस रिपोर्ट के मुताबिक पुरुषों और महिलाओं में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देखने को मिली है. जिसमें देखा गया है कि 1990 और 2021 के बीच उम्र और क्षेत्रों में बीमारी के जोखिम वाली आबादी के 20 प्रमुख कारणों में असमानताओं का विश्लेषण किया गया है. इस रिसर्च के रिसर्चर ने पाया कि महिलाओं की तलना में पुरुषों ने COVID-19 के बाद से 45 प्रतिशत जिंदगी अपना खो दिया.
कुल मिलाकर 2021 में स्वास्थ्य हानि का प्रमुख कारण COVID-19 था. पुरुषों को महिलाओं की तुलना में COVID-19 से 45 प्रतिशत अधिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुई है. (प्रति 100,000 पर 3,978 बनाम 2,211 आयु-मानकीकृत विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष)
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि महिलाओं के स्वास्थ्य हानि में सबसे बड़ा लिंग-आधारित अंतर पीठ के निचले हिस्से में दर्द के कारण था. यह अंतर दक्षिण एशिया में सबसे अधिक स्पष्ट है, इसके बाद मध्य यूरोप, पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया का स्थान है. उन्होंने पाया कि स्वास्थ्य संबंधी अंतर किशोरावस्था में दिखाई देते हैं और उम्र के साथ बढ़ते रहते हैं. महिलाओं को अपने पूरे जीवन में उच्च स्तर की बीमारी और विकलांगता का सामना करना पड़ता है. क्योंकि वे पुरुषों की तुलना में अधिक समय तक जीवित रहती हैं.
उन्होंने देशों से लिंग और लिंग डेटा की अपनी रिपोर्टिंग को मजबूत करने और स्वास्थ्य के प्रति अपने दृष्टिकोण में सुधार के लिए उनका उपयोग करने का आह्वान किया. मॉडलिंग अनुसंधान पिछले 30 वर्षों में बीमारी और समय से पहले मृत्यु के कारण खोए गए जीवन वर्षों की तुलना करने के लिए ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2021 के डेटा का उपयोग करता है.
लुइसा सोरियो फ्लोर ने कहा कि अध्ययन और कार्रवाई के लिए सही समय है - न केवल इसलिए कि सबूत अब कहां हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि सीओवीआईडी -19 ने हमें स्पष्ट रूप से याद दिलाया है कि लिंग अंतर स्वास्थ्य परिणामों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई), वाशिंगटन विश्वविद्यालय, यूएस. IHME.
जबकि कोविड -19 ने सभी क्षेत्रों में पुरुषों को असमान रूप से प्रभावित किया. अफ्रीका और लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्रों में सबसे बड़ा लिंग-आधारित अंतर देखा गया. हृदय रोग और सड़क चोटें अन्य महत्वपूर्ण स्थितियां पाई गईं जिनके परिणामस्वरूप समय से पहले मौतें हुईं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: क्या वैक्सीन से हो रही है ब्लड क्लॉटिंग? जिससे हार्ट अटैक के साथ बढ़ेगा इन बीमारियों का खतरा