मां बनना हर महिला का सपना होता है, लेकिन कुछ बीमारियां इस रास्ते में रुकावट बन सकती हैं. अगर आपको भी गर्भधारण में मुश्किलें आ रही हैं, तो इसके पीछे कुछ खास बीमारियां हो सकती हैं. आज हम जानेंगे उन बीमारियों के बारे में जो मां बनने में दिक्कतें पैदा कर सकती हैं और एक्सपर्ट्स की सलाह से इनका समाधान कैसे किया जा सकता है.


पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
PCOS एक ऐसी स्थिति है जिसमें ओवरीज़ में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं. यह हार्मोन असंतुलन पैदा करता है और ओवुलेशन में दिक्कतें आती हैं. इसका मतलब है कि अंडाणु नियमित रूप से रिलीज नहीं होते, जिससे गर्भधारण मुश्किल हो सकता है. 


जानें क्या करें?



  • व्यायाम करें: नियमित रूप से व्यायाम करने से वजन नियंत्रित रहता है और हार्मोन संतुलित होते हैं.

  • स्वस्थ आहार लें: ज्यादा फल, सब्जियां, और साबुत अनाज खाएं. शक्कर और तले हुए खाने से बचें.

  • डॉक्टर की सलाह लें: डॉक्टर की सलाह से दवाइयाँ और अन्य उपचार करें. 


एंडोमेट्रियोसिस
इस बीमारी में गर्भाशय की अंदर की परत की कोशिकाएं बाहर बढ़ने लगती हैं. इससे पेट में दर्द होता है और गर्भ ठहरने में मुश्किल होती है. समय पर इलाज और डॉक्टर की सलाह से इसे ठीक किया जा सकता है. 


जानें क्या करें?



  • दर्द की दवा: डॉक्टर से पूछकर दर्द की दवा लें.

  • सर्जरी: अगर समस्या ज्यादा हो, तो सर्जरी करवाई जा सकती है. 

  • हेल्दी लाइफ : अच्छा खाना खाएं और रोज व्यायाम करें. 


थायरॉयड समस्याएं
थायरॉयड हार्मोन की कमी (हाइपोथायरायडिज्म) या अधिकता (हाइपरथायरायडिज्म) दोनों ही गर्भधारण में समस्या पैदा कर सकते हैं. थायरॉयड हार्मोन असंतुलन से मासिक धर्म चक्र और ओवुलेशन प्रभावित हो सकते हैं. 


जानें क्या करें?



  • थायरॉयड जांच: नियमित रूप से थायरॉयड लेवल की जांच करवाएं.

  • दवा: डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें.


पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID)
PID एक संक्रमण है जो महिला प्रजनन अंगों में होता है. इससे फेलोपियन ट्यूब्स में सूजन और दाग बन सकते हैं, जिससे अंडाणु और स्पर्म का मिलना मुश्किल हो जाता है. यह गर्भधारण में दिक्कत पैदा कर सकता है. 


जानें क्या करें?



  • एंटीबायोटिक्स: संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक दवाएं लें.

  • समय पर उपचार: जल्दी उपचार से संक्रमण का प्रसार रोका जा सकता है. 



यूटराइन फाइब्रॉएड्स
फाइब्रॉएड्स गर्भाशय की दीवार में बनने वाले गांठें होती हैं. ये बड़े हो जाएं तो गर्भाशय का आकार बदल देते हैं, जिससे प्रेगनेंसी में दिक्कत हो सकती है. इन्हें समय पर जांच और इलाज से ठीक किया जा सकता है. 


जानें क्या करें?



  • नियमित जांच: नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं.

  • सर्जरी: अगर फाइब्रॉएड्स बड़े हो जाएं, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.