World Alzheimers Day: किस उम्र के बाद होती है अल्जाइमर की समस्या? ऐसे होता है इसका इलाज
सामान रखकर भूल जाना, चाबी रखकर भूल जाना यह सबकुछ एक टाइम तक नॉर्मल लग सकता है. लेकिन कई बार यह अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं.
सामान रखकर भूल जाना, चाबी रखकर भूल जाना यह सबकुछ एक टाइम तक नॉर्मल लग सकता है. लेकिन कई बार यह अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं. याददाश्त और कमजोर दिमाग अल्जाइमर और डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. आज हम विस्तार से जानेंगे कि किस उम्र के बाद इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है.
मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारी
अल्जाइमर की बीमारी एक ब्रेन डिसऑर्डर या यूं कहें कि यह एक मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारी है. इस बीमारी में सोचने और याददाश्त से जुड़ी कई सारी समस्या होती है. अल्जाइमर से पीड़ित लोगों के व्यवहार और सोचने समझने की शक्ति में कई तरह का बदलाव होता है. अल्जाइमर की बीमारी डिमेंशिया की बीमारी से जुड़ा हुआ है. जो अक्सर 65 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों में पाया जाता है.
दरअसल, डिमेंशिया एक दिमाग से जुड़ी समस्या है जिसमें चीजों को याद रखने, सोचने और भाषा को समझने में दिक्कत होती है. इस तरह की दिमागी परेशानी अब बद से बदतर हो गई है. अल्जाइमर से पीड़ित मरीजों को रोजमर्रा की जिंदगी में काफी ज्यादा परेशानी में दिक्कत हो सकती है. भारत में 40 लाख से ज्यादा लोग किसी न किसी टाइप की डिमेंशिया की बीमारी से पीड़ित है. अल्जाइमर की बीमारी में कोई भी चीज याद करने में कई तरह की परेशानी हो जाती है. बीमारी डिमेंशिया के अंतर्गत होती है. यह बीमारी अक्सर उम्रदराज लोगों को हो जाती है.
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डिमेंशिया मेमोरी लॉस के लक्षण
डिमेंशिया मेमोरी लॉस की समस्या है. इसके शुरुआती लक्षण बड़े ही नॉर्मल होते हैं जिसमें आपको यह नॉर्मल भूलने की बीमारी लगेगी. इसके कई कारण हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में जरूरी है खुद के दिमाग को मजबूत रखना. दिमाग को हेल्दी और बूस्ट करने के लिए हम आपको बताएंगे कुछ खास ऐसे एक्सरसाइज जिससे आप अपने दिमाग को मजबूत बना सकते हैं.
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डिमेंशिया को शुरुआत में ही रोकना जरूरी होता है. इसके लिए फिजिकल एक्टिविटी बेहद जरूरी है. 'फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो डी जनेरियो' (यूएफआरजे) के मुताबिक एक्सरसाइज करने से शरीर में आइरिसिन का लेवल बढ़ता है. साथ ही यह मेमोरी लॉस करने में काफी मदद भी करता है.
रोजाना एक्सरसाइज करने से डिमेंशिया का जोखिम लगभग 28 प्रतिशत तक कम हो सकता है. खासकर अल्जाइमर की बीमारी में तो जरूर एक्सरसाइज करना चाहिए इससे 45% तक जोखिम कम होता है. 16 रिसर्च में यह बात स्पष्ट कर दी गई है कि एक्सरसाइज और डिमेंशिया में गहरा कनेक्शन है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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