World Anaesthesia dDay 2024: किसी भी सर्जरी (surgery) को करने से पहले एनेस्थीसिया (anaesthesia) दिया जाता है, जिससे बॉडी के उस हिस्से को सुन्न या बेहोश कर दिया जाता है, ताकि डॉक्टर आसानी से अपना काम कर सके और मरीज को भी कोई समस्या ना हो. एनेस्थीसिया के बिना कोई भी मेजर ऑपरेशन (Opreation) नहीं किया जाता है.


इसलिए एनेस्थीसिया के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए और उसकी उपयोगिता बताने के लिए हर साल 16 अक्टूबर को विश्व एनेस्थीसिया दिवस यानी कि वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे मनाया जाता है. इस साल एनेस्थीसिया और कैंसर की देखभाल थीम पर यह दिन मनाया जा रहा है, जो कैंसर के इलाज में एनेस्थीसिया की भूमिका को दिखाता है. आइए हम आपको बताते हैं वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे के इतिहास और महत्व के बारे में. 


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वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे का महत्व 




एनेस्थीसिया एक मेडिकल प्रोसेस है, जो सर्जरी के दौरान इस्तेमाल की जाती है. कुछ स्क्रीनिंग जैसे बायोप्सी में भी एनेस्थीसिया दिया जाता है, ताकि मरीज को दर्द महसूस ना हो और डॉक्टर बेहतर तरीके से अपना काम कर सकें. कैंसर के लगभग 80% मरीजों को इलाज के दौरान एनेस्थीसिया दिया जाता हैं.


एनेस्थीसिया देने के लिए डॉक्टर एनेस्थेटिक्स नाम की दवा का इस्तेमाल करते हैं, जिसे अमूमन रीड की हड्डी में इंजेक्शन के थ्रू डाला जाता है. इससे मरीज बेहोश हो जाता है, हिलने डुलने में असमर्थ होता है. जब कुछ समय बाद एनेस्थीसिया का असर कम हो जाता है, तो मरीज होश में आ जाता हैं. 




वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे का इतिहास 




हर साल 16 अक्टूबर को वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे मनाया जाता है, इसकी स्थापना वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ सोसाइटी ऑफ एनेस्थेसियोलॉजिस्ट (WFSA) ने की थी. दरअसल, अमेरिकी डेंटिस्ट और फिजिशियन विलियम थॉमस ग्रीन मॉर्टन ने 16 अक्टूबर 1846 को डायथाइल ईथर एनेस्थीसिया का प्रदर्शन किया था, यह घटना मेडिकल हिस्ट्री में इतिहास बन गई थी, इसलिए इस दिन को तब से वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे के रूप में मनाया जाने लगा. 


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क्यों जरूरी है एनेस्थीसिया 




एनेस्थीसिया किसी भी सर्जरी से पहले मरीज को बेहोश करने के लिए दिया जाता है. एनेस्थीसिया गैस और वाष्प के रूप में होती है, जिसे इंजेक्शन के जरिए मरीज के शरीर में डाला जाता है. इसे कई बार मरीज को सूंघाया भी जाता है. इसके बाद मरीज गहरी नींद में चला जाता है, जिससे उसे सर्जरी का एहसास नहीं होता है, लेकिन कुछ समय बाद एनेस्थीसिया का असर जैसे ही कम होता है मरीज होश में आने लगता है.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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