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World Asthma Day 2024: जानें कितनी खतरनाक है अस्थमा की बीमारी, इसके अटैक से बचने के लिए क्या-क्या करना चाहिए
अस्थमा फेफड़ों और वायुमार्ग को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. यह खतरनाक भी हो सकता है, इसलिए ऐसे लोग जिन्हें अस्थमा है, उन्हें इसे ट्रिगर करने वाले कारणों से बचाव के उपाय करते रहना चाहिए.
Asthma: अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. भारत ही नहीं पूरी दुनिया में इस बीमारी का खतरा बना हुआ है. अस्थमा अटैक में फेफड़े और वायुमार्ग प्रभावित होते हैं. एक आंकड़े की माने तो अस्थमा से दुनिया में होने वाली कुल मौतों में से करीब आधी यानी 46 फीसदी भारत में ही होती है, जिसकी संख्या 2 लाख के आसपास है. अस्थमा होने पर फेफड़ों से हवा को अंदर और बाहर ले जाने वाली नलिकाओं पर असर पड़ता है. इसकी वजह से वायुमार्ग में सूजन और संकुचन हो जाता है, जिससे बहुत ज्यादा दर्द, सांस छोड़ते समय घरघराहट की आवाज हो सकती है. अस्थमा से लोगों को बचाने के लिए हर साल मई के पहले मंगलवार को पूरी दुनिया अस्थमा डे (World Asthma Day 2024) मनाती है. ऐसे में आइए जानते हैं अस्थमा अटैक का कारण, इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए...
अस्थमा के क्या खतरे हैं
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अस्थमा में सांस लेने में दिक्कतें होती हैं और घरघराहट की आवाज आती है. इसकी वजह से सांस लेने की प्रक्रिया बाधित हो सकती है. प्रदूषण बढ़ने, लाइफस्टाइल में बदलाव और कई अन्य कारणों से अस्थमा का अटैक हो सकता है. डॉक्टर्स का कहना है कि अस्थमा के ट्रिगर को समझना है तो सबसे पहले इसके लक्षणों और बचाव को जानना चाहिए, जिससे समस्या गंभीर होने से पहले ही बचा जा सके.
अस्थमा से बचने के लिए क्या करें
1. धूल और प्रदूषण से बचें
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पराग, धूल के कण, फफूंद और जानवरों के बाल एलर्जी के कारक हो सकते हैं. ऐसी चीजें जब शरीर में पहुंचती हैं तो प्रतिक्रिया कर सकती हैं, जिससे वायुमार्ग में सूजन और संकुचन बढ़ सकता है. ऐसा होने पर अस्थमा के मरीजों की समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए इनसे बचाव करते रहना चाहिए. बाहर जाएं तो हर उपाय अपनाएं, जिनसे धूल और प्रदूषण से बच सकें.
2. वायरल इंफेक्शन बन सकती है समस्या
सर्दी या फ्लू जैसे वायरल इंफेक्शन पहले से संवेदनशील वायुमार्ग को प्रभावित कर सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं, इसलिए अस्थमा के मरीजों को इससे बचकर रहना चाहिए. ठंडी हवा, नमी और अचानक से तापमान गिरने या बढ़ने पर बढ़ सकती हैं, जिससे अस्थमा का अटैक हो सकता है.
3. अस्थमा को मैनेज करें
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर अस्थमा को सही तरह मैनेज किया जाए तो इसका खतरा कम रहता है. फिजिकल एक्टिविटीज, संतुलित आहार और सांस लेने का नियमित अभ्यास इससे बचाने में मदद कर सकता है, ज्यादा दिक्कतें होने पर डॉक्टर से बात करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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