World Autism Awareness Day 2023 : अगर आपको बच्‍चे को भी पढ़ने-लिखने, सुनने-बोलने में परेशानी आ रही है तो सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि बच्चा ऑटिज्‍म (Autism) की चपेट में भी हो सकता है. बच्चे इस बीमारी की चपेट में न आए, इसके लिए हर साल 2 अप्रैल को दुनियाभर में ऑटिज्म अवेयरनेस डे (World Autism Awareness Day 2023) मनाया जाता है. आज के दिन लोगों को ऑटिज्म से जुड़े फैक्ट्स की जानकारी दी जाती है, ताकि समय रहते इसका इलाज हो सके. अगर आप भी इस बीमारी से अनजान हैं तो आइए जानते हैं ऑटिज्म की पूरी जानकारी..इसके लक्षण (Autism symptoms), कारण (Autism causes) और इलाज...

ऑटिज्म क्या होता है


ऑटिज्म को मानसिक बीमारी से भी जाना जाता है. इस बीमारी में मस्तिष्क का विकास पूरी तरह से नहीं हो पाता है. इस बीमारी की चपेट में आने के बाद बच्चा या कोई इंसान बाहरी दुनिया से अलग अपनी दुनिया में खोया रहता है. इसलिए कुछ लोग उन्हें मंदबुद्धि भी समझने लगते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. यह सिर्फ एक मिथक है. ऑटिज्म से ग्रस्त लोग मंदबुद्धि नहीं होते हैं. ये बात जरूर है कि समाज से घुलने मिलने में उनमें झिझक होती है.

ऑटिज्म के लक्षण क्या-क्या होते हैं


ऑटिज्म का शिकार कोई बच्चा मानसिक रूप से थोड़ा कमजोर होता है. ऑटिज्म की बीमारी होने पर मिर्गी की समस्या भी हो सकती है. कई मामलों में बच्चों को बोलने और सुनने में भी परेशानी होती है. जब यह बीमारी खतरनाक लेवल पर पहुंच जाती है तब ऑटिस्टिक डिसऑर्डर नाम से जानते हैं. लक्षण कम प्रभावी होने पर ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर कहते हैं.

ऑटिज्म की पहचान कैसे करें


1. जब बच्चे का कॉन्फिडेंस कम हो और वह किसी से बात करते समय आई कॉन्टैक्ट न करें. ऐसा करते समय उसे घबराहट हो.

2. ऐसे बच्चे ज्यादा वक्त अकेला रहना ही पसंद करते हैं. उन्हें किसी के साथ उठना-बैठना पसंद नहीं होता है.

3. इस बीमारी की चपेट में आने के बाद बच्चे जब बात करते हैं तो अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

4. ऐसे बच्चे किसी तरह का संकेत नहीं दे पाते हैं.

5. एक ही तरह का गेम खेलना पसंद करने वाले बच्चे भी ऑटिज्म की चपेट में हो सकते हैं.

6. ऑटिज्म पीड़ित किसी बात का जवाब देने में असमर्थ होते हैं. किसी की बात को अनसुना भी करते हैं.

7. ऐसे बच्चों के लिए बदलाव को स्वीकार करना आसान नहीं होता है.

ऑटिज्म का कारण क्या होता है


1. बच्चे के जन्म से पहले और बाद में अगर जरूरी टीका न लगे, तब इस बीमारी का खतरा रहने की आशंका रहती है.

2. गर्भावस्था में मां को कोई गंभीर बीमारी होने पर यह समस्या हो सकती है.

3. समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों का गर्भ में सही तरह से विकास नहीं हो पाता है. ऐसे बच्चे भी ऑटिज्म की चपेट में आ सकते हैं.

4. कई रिसर्च के मुतबिक, लड़कियों की तुलना में लड़के ऑटिज्म का ज्यादा शिकार बनते हैं. 

 

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