बेंगलुरू: भारत की 60% से ज्यादा शहरी महिलाएं नियमित व्यायाम नहीं करती हैं, जो उनमें डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है. विश्व मधुमेह दिवस पर जारी किए गए एक सर्वे में पता चला है कि देश की 73% शहरी महिलाएं गर्भावधि डायबिटीज से अंजान हैं, जो कि अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य खतरे से संबंधित है.


यह सर्वे डायबिटीज देखभाल से जुड़ी कंपनी नोवो नॉर्डिक इंडिया ने किया है.


कैसे किया गया सर्वे-
बाजार अनुसंधान कंपनी, कंटार आईएमआरबी के साथ साझेदारी में किए गए सर्वे के लिए 18-65 वर्ष आयु वर्ग की 1000 से अधिक महिलाओं का इंटरव्यू लिया गया. यह इंटरव्यू डायबिटीज से उभरने वाले जोखिमों के बारे में जागरूकता के स्तर पर जानकारी प्राप्त करने के लिए लिया गया था.


इन शहरों में हुआ सर्वे-
सर्वे में देश के 14 शहरों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, लखनऊ, लुधियाना, इंदौर, गुवाहाटी, कोच्चि और विजयवाड़ा शामिल थे.


सर्वे के नतीजे-
निष्कर्षों से पता चला कि इंटरव्यू देने वाली 78% महिलाएं गंभीर स्वास्थ्य चिंता के रूप में डायबिटीज से अवगत थीं और 70% से ज्यादा महिलाओं का मानना था कि एक स्वस्थ जीवनशैली डायबिटीज और उससे संबंधित जटिलताओं को रोकने में मदद करेगी.


लांसेट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण डायबिटीज, हृदय रोग और कुछ कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और यह कारण हर साल पांच लाख से अधिक मौतों के साथ जुड़ा हुआ है.


वर्तमान में डायबिटीज से 7.29 करोड़ लोग पीड़ित हैं. विश्व में भारत को डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है.


एक अनुमान के अनुसार, भारत में डायबिटीज से ग्रस्त लोगों की संख्या 2045 तक 13.43 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.