World First Aid Day : जब भी हमें किसी दुर्घटना या चोट की स्थिति में आचानक मदद की जरूरत होती है, तो हम फर्स्ट एड या प्राथमिक उपचार करते हैं. फर्स्ट एड का मतलब है किसी व्यक्ति को उसकी जरूरत के हिसाब से तुरंत मदद पहुंचाना, ताकि उसकी हालत में सुधार हो सके या उसे और उसकी स्थिति खराब न हो.'वर्ल्ड फर्स्ट एड डे' इसी बात को मन में रखते हुए हर साल मनाया जाता है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह समझाना है कि प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाता है और इससे जीवन कैसे बचाया जा सकता है. जब हम अच्छी तरह से प्राथमिक उपचार के बारे में जानते हैं, हम दुर्घटना या किसी के अचानक बीमार होने पर अपने आपको या फिर दूसरों की मदद कर सकते हैं. इस दिन को मनाने का महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि हर किसी को यह समझाया जाए कि वह भी एक 'जीवन रक्षक' बन सकता है. केवल कुछ ही साधारण जानकारियों से हम किसी के जीवन को बचा सकते हैं. इसलिए, वर्ल्ड फर्स्ट एड डे हमें यह सिखाता है कि हम सभी को अपनी और अपने समाज की सुरक्षा के लिए प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी होनी चाहिए.
फर्स्ट एड बॉक्स में कुछ जरूरी चीजें
- बैंडेज और गॉज - खून बहने वाले घावों को बांधने के लिए
- सेटिलाइन और ऐंटीसेप्टिक क्रीम - छोटे ज़ख्म और खरोंच को साफ करने के लिए
- थर्मामीटर - बुखार और तापमान चेक करने के लिए
- बीटाडीन स्प्रे - जले हुए त्वचा के इलाज के लिए
- ट्वीजर - छोटे वस्तुओं निकालने के लिए
- एंटीसेप्टिक दवाइयां- जख्म पर लगाने के लिए
- पैरासीटामोल/एस्पिरिन - बुखार व दर्द कम करने के लिए
वर्ल्ड फर्स्ट एड डे का इतिहास
वर्ल्ड फर्स्ट एड डे का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक उपचार या "फर्स्ट एड" के महत्व को प्रमोट करना है और लोगों को इसकी जानकारी देना है. यह प्रतिवर्ष दूसरे शनिवार को सितंबर महीने में मनाया जाता है. इसकी शुरुआत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटीज (IFRC) द्वारा की गई थी. पहला वर्ल्ड फर्स्ट एड डे 2000 में मनाया गया था. इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को प्राथमिक उपचार के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें आवश्यक जानकारी और सिखाना है, जिससे वे अपातकालीन स्थितियों में अपना और दूसरों की मदद कर सकें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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