World Health Day 2023: 'हेल्थ इज वेल्थ' स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क का विकास होता है...आजकल की दौड़भाग वाली लाइफस्टाइल में खुद को फिट रखना ही एक बहुत बड़ी चुनौती हो गई है. एक व्यक्ति का अच्छा हेल्थ तभी माना जाएगा जब वह फिजिकली, मेंटली और इमोशनली, सोशली फिट है. कोरोना महामारी ने हमें सिखाया है कि इस भागदौड़ वाली जिंदगी में सबसे ऊपर अपनी हेल्थ को रखें उसके बाद ही किसी दूसरी चीज को जगह दें.
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (डबल्यूएचओ) पूरी दुनिया में लोगों को सेहत के लिए जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 7 अप्रैल को 'वर्ल्ड हेल्थ डे' के रूप में मनाता है. यह पहली बार 1950 में मनाया गया था. अक्सर यह कहा जाता है कि हेल्थ को अच्छा रखने के लिए लाइफस्टाइल ऐसी होनी चाहिए. ये करना चाहिए... वो करना चाहिए. लेकिन हम में से कई लोग हेल्थ से जुड़े कई ऐसे मिथ हैं. जिसका पालन कई सालों से कर रहे हैं. या यूं कहें बेवकूफ बनते जा रहे हैं. आज हम ऐसी ही हेल्थ से जुड़ी उन्हीं मिथ के बारे में बात करेंगे जिसे सच समझकर आजतक एक बड़ी आबादी फॉलो करती आ रही है.
हेल्थ से जुड़े ये टिप्स अक्सर घर में दिए जाते हैं. आइए जानते हैं यह सिर्फ एक मिथ है यह इसके पीछे कुछ सच्चाई भी है:-
खड़े होकर पानी नहीं पीने से क्या सचमें शरीर पर पड़ता है फर्क?
पानी पीना हमारे शरीर और हेल्थ दोनों के लिए बेहद फायदेमंद है. जरूरी यह है कि शरीर में कभी पानी की कमी नहीं होनी चाहिए. लेकिन अक्सर लोग कहते हैं कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए... आज हम जानेंगे क्या सचमें खड़े होकर पानी पीना सही नहीं है? पानी पीते वक्त बस पानी के टेंपरेचर का ध्यान रखें . आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जब खड़े होकर पानी पिया जाता है तो वह स्पीड के साथ आपके भोजन की नली से गुजरता है और आपके पेट के सबसे नीचले वाले हिस्से में गिर जाता है. जोकि सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है.
जिस स्पीड में पानी जाता है वह पेट और आसपास के ऑर्गन को भी नुकसान पहुंचा सकता है. यह आपके पाचन क्रिया पर भी असर डाल सकता है. जब हम बैठे होते हैं तो किडनी बेहतर तरीके से फिल्टर करती है. वहीं जब खड़े होकर पानी पीते हैं तो उसका असर वैसा नहीं होता है. जिससे किडनी को नुकसान पहुंच सकता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खड़े होकर पानी पीने से आपको गठिया की शिकायत भी हो सकती है. जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो वास्तव में आपके प्यास नहीं बुझती है. जब भी आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो हमेशा प्यास लगी रहती है. वहीं डॉक्टर भी कहते हैं कि जब भी आप खड़े होकर पानी पिएं तो सिप-सिप करके पिएं. एक साथ ढेर सारा पानी पीने से बचें.
खाना खाने के बाद तुरंत बेड पर नहीं जाना चाहिए बल्कि 10 मिनट का वॉक लेना चाहिए
खाना खाने के बाद वॉक करने से आपका वजन हमेशा कंट्रोल में रहता है. साथ ही आप मोटापे से दूर ही रहेंगे. खाना खाने के बाद वॉक करने से मेटाबॉलिज्म कंट्रोल में रहता है. मेटाबॉलिज्म हमेशा कंट्रोल में रहे इसलिए जरूरी है कि आप खाना खाने के बाद वॉक जरूर करें.
वॉक करने से पेट हमेशा ठीक रहता है. साथ ही खाना तुरंत पच जाता है. इसके लिए हमें अलग से मेहनत नहीं करनी पड़ती है. खाना खाने के बाद वॉक करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होती है. जिससे स्ट्रेस कम होता है. सिर्फ इतना ही नहीं ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा होता है. डायबिटीज के मरीज को खाना खाने के बाद जरूर घूमना चाहिए. इससे ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल में रहता है.
क्या गाजर खाने से आंखों की रोशनी तेज होती है?
गाजर में विटामिन-ए होता है. इसलिए इसे खाने से आईसाइट बढ़ता है. इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि एक्स-रे विजन जैसी हो जाएगी.
क्या रोज शौच न जाना बीमारी है?
हर रोज शौच जाना साफ पेट की निशानी है. लेकिन एक व्यक्ति अगर सप्ताह में 3 दिन भी शौच कर रहा है तो उसका पेट ठीक है. बस उसे कब्ज की शिकायत नहीं होनी चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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