World Health Day 2024: आजकल कम उम्र में ही लोग क्रोनिक बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. लाइफस्टाइल और खानपान खराब होने से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी वजह से कई गंभीर और खतरनाक स्थिति बनने लगी है. इसी से बचाव और जागरूकता के लिए हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2024) मनाया जाता है. इस वर्ल्ड हेल्थ डे का थीम 'माई हेल्थ-माई राइट' मतलब 'मेरा स्वास्थ्य-मेरा अधिकार' रखा गया है. इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे का उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, साफ पानी-हवा, पोषण से भरपूर आहार और साफ-सफाई है.

 

सेहत को नुकसान पहुंचा रहे पर्यावरणीय कारण

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी होने का नकारात्मक असर सेहत पर पड़ता है. कई पर्यावरणीय कारक भी सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं. कुछ अध्ययनों में एयर पॉल्यूशन और इससे होने वाली समस्याओं को लेकर अलर्ट किया गया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि वायु प्रदूषण को सांस से जुड़ी समस्याओं का कारण माना जाता है लेकिन सच्चाई यह है कि इससे ओवरऑल हेल्थ प्रभावित होती है.

 

वायु प्रदूषण के 3 सबसे गंभीर नुकसान

 

1. फेफड़ों की क्षमता घट रही है

शोधकर्ताओं ने बताया है कि ज्यादा समय तक वायु प्रदूषण में रहने से अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) समेत फेफड़ों की कई गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है. ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही सांस की समस्याएं हैं, उन्हें वायु प्रदूषण की वजह से उन समस्याओं के ट्रिगर होने का खतरा रहता है. प्रदूषित हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण हार्ट की फेफड़ों और हार्ट की क्षमता को कम कर सकते हैं.

 

2. दिमागी बीमारियों का खतरा

वायु प्रदूषण मस्तिष्क की सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है. अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि प्रदूषकों की वजह से मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने का खतरा सबसे ज्यादा है. इसकी वजह से मेमोरी लॉस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ज्यादा वायु प्रदूषण में रहने वाले लोगों में स्ट्रेस और डिप्रेशन देखा गया है.

 

3. हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन की समस्याएं

वायु प्रदूषण प्रजनन पर भी बुरा असर डालता है. इसके कई गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. अध्ययनकर्ताओं ने बताया है कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के यौन सेहत पर वायु प्रदूषण का नकारात्मक असर पड़ सकता है. प्रदूषण के संपर्क में लंबे समय से रहने वाली महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की समस्याएं देखी गई हैं, जिसका असर प्रजनन क्षमता पर पड़ता है और बांधपन का खतरा बढ़ सकता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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