World Hearing Day 2023: क्या होगा अगर आप आसपास की आवाजों को न सुन पाएं, मोबाइल में वीडियो देखें लेकिन ऑडियो न सुनाई दे..हैं न ये खतरनाक स्थिति..अगर आप अपनी सुनने की क्षमता नहीं खोना चाहते हैं तो आज की लाइफस्टाइल में कुछ बातों का ध्यान रखें और कान की समस्या को भूलकर भी नजरअंदाज न करें. इसी सुनने की क्षमता को बनाए रखने के लिए हर साल 3 मार्च को दुनियाभर में विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day 2023) मनाया जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारी लाइफस्टाइल और डाइट सुनने की क्षमता पर प्रभाव डालती हैं. एक आंकड़े के मुताबिक, अकेले भारत में ही 63 मिलियन के करीब लोग बहरेपन और सुनने की समस्या से परेशान हैं.
कान नाजुक अंग, इसका रखें ख्याल
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, कान हमारे शरीर का बेहद ही नाजुक और सेंसेटिव अंग है. इसलिए इसकी देखभाल भी खास तरह से करनी चाहिए. अपनी खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई लोग बहरेपन का शिकार हो जाते हैं. कुछ लोगों की सुनने की क्षमता भी प्रभावित हुई है. कान सुरक्षित रहें और उनके सुनने की क्षमता बनी रहे, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं..
रूई से न करें कान की साफ-सफाई
रूई यानी कॉटन से कानों की साफ-सफाई नहीं करनी चाहिए. अगर आपकी आदत में यह शामिल है तो इसे आज से ही छोड़ दें, क्योंकि इसकी वजह से आपके सुनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है. कानों की सफाई खुद करने की बजाय एक्सपर्ट से इसकी सलाह लें.
कान की परेशानी को न करें इग्नोर
अगर आपके कान में किसी तरह की तकलीफ है तो उसे नजरअंदाज करने की बजाय डॉक्टर को दिखाना चाहिए. जैसे- अक्सर कान में दर्द रहना, तेज आवाज सुनाई देने या कानों के गूंजने जैसी समस्या है तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा न करें. ऐसा होने पर तत्काल डॉक्टर के पास जाएं और उनकी सलाह लें. खुद से डॉक्टर न बने और ऐसे ही कोई दवा या ईयरड्रॉप का इस्तेमाल न करें. यह नुकसानदायक हो सकता है. अगर आप कान की समस्या को इग्नोर करते हैं तो यह बहरेपन का कारण भी बन सकता है.
धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें
स्मोकिंग हेल्थ के लिए खतरनाक है. यह हार्ट या लंग्स को ही नहीं कानों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. रिसर्च से बता चला है कि धूम्रपान में पाया जाने वाला निकोटिन कानों में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है, जिससे कान की नाजुक कोशिकाओं को क्षति पहुंचता है. सेकेंड हैंड स्मोक के संपर्क में आने वाले बच्चों में सुनने की क्षमता खोने की समस्या देखी जाती है. धूम्रपान की वजह से टिनिटस मतलब कानों के बजने की समस्या बढ़ सकती है.
ईयरफोन-हेडफोन बना सकता है बहरा
ईयरफोन-हेडफोन ज्यादा लगाते हैं तो कानों को नुकसान पहुंच सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आप तेज वॉल्यूम में म्यूजिक सुनते हैं तो इससे कान के पर्दे फट सकते हैं. 60 प्रतिशत या उससे कम वॉल्यूम लेवल में ही ईयरफोन-हेडफोन का यूज करना चाहिए. ईयरबड्स की तुलना में हेडफोन ज्यादा सेफ माना जाता है, क्योंकि ईयरबड्स ईयरड्रम्स के ज्यादा नजदीक होते हैं, जिससे नुकसान का जोखिम बढ़ जाता है.
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