खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आजकल डांस, वर्कआउट, चलते-फिरते हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर अचानक से हार्ट अटैक आ जाए तो सबसे पहले क्या करना चाहिए? दरअसल, आजकल हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. 50 से ज्यादा उम्र वाले लोगों में यह बीमारी बेहद आम है लेकिन पिछले कुछ सालों में 15-20 साल के बच्चों में भी यह बीमारी बेहद आम हो गई है.
इस बीमारी से मरने वालों में सभी तपके और उम्र वाले लोग शामिल है. इसलिए यह दिमाग से बिल्कुल निकाल दें कि हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्ग और अमीर लोगों को होती है. यह जानलेवा बीमारी किसी को भी अपने चपेट में ले सकती है. झारखंड के रांची इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में तैनात डॉक्टर अनुज कुमार विभिन्न हेल्थ इश्यूज को लेकर अक्सर अपने एक्स हैंडल पर काम की जानकारी शेयर करते रहते हैं. उन्होंने अब हार्ट अटैक के लक्षण बताते हुए इससे बचने के टिप्स भी बताए हैं. आइए जान लेते हैं कि हार्ट अटैक के प्राथमिक लक्षण क्या हैं.
हार्ट अटैक के लक्षण
सीने में तेज दर्द होना.
यह एक pressure, heaviness या tightness जैसे भी महसूस हो सकता है.
यह दर्द पेट के ऊपर होता है. और फिर बायें हाथ और कंधे की तरफ जाता है. कई बार हार्ट अटैक के लक्षण जबड़े और दांत में दर्द शुरू हार्ट अटैक के लक्षण होते हैं.
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सांस लेने में तकलीफ और पसीना आना हार्ट अटैक के शरुआती लक्षण
कुछ लोगो को पेट में गैस बनने की फीलिंग भी आती है.
व्यक्ति को हार्ट अटैक पड़ा है. क्योंकि हार्ट अटैक में दिल की धड़कन रुक जाती है, इसलिए नब्ज नहीं मिल पाती. ऐसे दो से तीन मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना जरूरी होता है, नहीं तो ऑक्सीजन के कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर-जोर से मुक्का मारें. तब तक मारे जब तक वब होश में नहीं आ जाता है. इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा.
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बिहोश व्यक्ति को तुरंत सीपीआर दें
अगर कोई बिहोश हो गया है और उसका नब्ज नहीं चल रहा है तो उसको तुरंत अपने हाथ से सीपीआर दें. सीपीआर में मुख्य रूप से दो काम किए जाते हैं. पहला छाती को दबाना और दूसरा मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते हैं. पहले व्यक्ति के सीने पर बीचोबीच हथेली रखें. पंपिंग करते समय हथेली को एक हाथ को दूसरे हाथके ऊपर रख कर उंगलियों को अच्छे से बांध लें और हाथ और कोहनी दोनों सीधा रखें. उसके बाद छाती को पंपिंग करते हुए छाती को दबाया जाता है. ऐसे करने से धड़कनें फिर शुरू हो जाती हैं. हथेली से छाती को 1 -2 इंच तक दबाएं ऐसा एक मिनट में सौ बार करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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