World hemophillia Day 2023 theme: हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे मनाया जाता है. हीमोफीलिया ब्लड से जुड़ी बीमारी है. दुनियाभर में इस दिन को मनाने के पीछे मकसद लोगों को इस गंभीर बीमारी के प्रति अवेयर करना है. जेनेटिकली यानि पीढ़ी दर पीढ़ी दौड़ रही इस बीमारी के होने पर कई बार स्थिति गंभीर बन जाती है. हीमोफीलिक पेशेंट को डेली लाइफ में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है. जरा सी चोट लगने पर कई बार हालात गंभीर हो जाते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि हीमोफीलिक पेशेंट अपनी डाइट को सुधारकर ही बीमारी को काफी हद तक मैनेज कर सकते हैं. 


पहले हीमोफीलिया को समझिए


हीमोफीलिया एक ब्लड डिसआर्डर है. किसी भी नार्मल व्यक्ति को जब चोट लगती है तो उसका ब्लड थोड़ी देर बहता है. बाद में बाहर निकलना बंद हो जाता है. आमतौरर पर किसी तरह का प्रोटीन कटने पर ब्लड निकलता है. ब्लड में मौजूद फैक्टर उसे थक्का बनाने का काम करते हैं. वहीं, जिन व्यक्तियों में ब्लड बहना रुक ही नहीं पाता है. उन्हें हीमोफीलिक माना जाता है. ऐसे पेशेंट को खून बहना रोकने के लिए दवा या इंजेक्शन का सहारा लेना होता है. 


ये विटामिन खाएं


हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि विटामिन बी 6 और बी 12 आरबीसी के उत्पादन में सहायक होते हैं. विवटामिन सी के कारण ब्लड क्लॉट बनने की प्रक्रिया दुरस्त होती है. कोलेजन प्रक्रिया पूरी होती है. कोलेजन प्रोसेस ब्लड के थक्का बनाने के काम भी आता है. हीमोफीलिक मरीजों में कोलेजन प्रोसेस होने के कारण स्थिति कम गंभीर होती हैं.  


कहां से लें विटामिन बी और विटामिन सी


विटामिन बी 6 और बी 12 से भरपूर खाद्यान्न खाना चाहते हैं तो मछली, मांस, अंडे, पोल्ट्री प्रोडक्ट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखा दूध, पूरा अनाज, रोटी, अनाज, फलियां और मटर से प्राप्त कर सकते हैं, जबकि संतरा, नींबू से फूड आइटम से विटामिन सी ले सकते हैं.  


नाश्ते में ये आजमाकर दखें


सुबह के समय कुछ न कुछ नाश्ता जरूर करते होंगे. ऐसे में कम फैट वाला दूध, दही और कम फैट वाला पनीर खाना चाहिए. ऐसी डाइट लें, जिससे कैल्शियम की मात्रा बढ़ें. हरी पत्तेदार सब्जियां और बादाम भी बेहतर विकल्प हो सकता है. 


इन दवाओं को खाने से बचें


हीमोफीलिक पेशेंट हैं तो कोई भी दवा खुद से न खाएं. दवा खाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें. डॉक्टरों का कहना है कि गलत दवा खून को और अधिक पतला कर स्थिति गंभीर बना सकती है. विटामिन ई, मछली का तेल, गिंको बिलोबा, ब्रोमीलेन, फ्लैक्स सीड, लहसुन या अदरक खाने से परहेज करना चाहिए. अदरक भी ब्लड को पतला करने का काम करता है. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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