आजकल के नौजवान को भी लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारी का खतरा सता रहा है. आज हम बात करेंगे हेपेटाइटिस के कारण लिवर में किस तरह से इंफेक्शन बढ़ता है. हेपेटाइटिस के कारण लिवर में सूजन शुरू हो जाती है. एक समय के बाद लिवर फेलियर तक हो सकता है. यह कई दूसरी ऑटोइम्यून बीमारी के कारण भी हो सकती है.


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हेपेटाइटिस 4 तरह के होते हैं. हर तरह के हेपेटाइटिस एक दूसरे से काफी अलग होते हैं. हेपेटाइटिस के कुछ मामले काफी ज्यादा गंभीर होते हैं. उस बीमारी के कारण लिवर डेमैज, लिवर फेलियर, सिरोसिस, लिवर कैंसर या मृत्यु का खतरा बढ़ता है. 'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' के मुताबिक पूरी दुनिया में 354 मिलियन (35.4 करोड़) लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित होते हैं. 


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 2024 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वायरल हेपेटाइटिस दुनियाभर में संक्रामक बीमारी से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण बन गया है.  हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों की संख्या 2019 के 11 लाख से बढ़कर 2022 में 13 लाख पहुंच गई. इन मौतों में से 83 फीसदी हेपेटाइटिस बी की वजह से हुईं, जबकि 17 फीसदी हेपेटाइटिस सी की वजह से हुईं. दुनियाभर में हर रोज 3500 लोग हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण से मर रहे हैं.


आखिर क्या है ये हेपेटाइटिस नाम की बीमारी


लिवर में किसी भी तरह की चोट या जलन को सूजन कहते हैं और यही सूजन जब लिवर में होती है तो उसे हेपेटाइटिस कहते हैं. हेपेटाइटिस कई कारणों से हो सकता है. इनमें से एक है वायरस. वायरस वाला हेपेटाइटिस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है. कुछ खास तरह के वायरस वाले हेपेटाइटिस तो शारीरिक संबंध बनाने से भी फैल सकते हैं.


लिवर हमारे शरीर का एक बहुत जरूरी अंग है. ये पोषक तत्वों को प्रोसेस करता है, खून को साफ करता है और इंफेक्शन से लड़ता है. जब लिवर में सूजन आ जाती है या वो किसी तरह से खराब हो जाता है तो उसका काम प्रभावित हो सकता है. शराब का ज्यादा सेवन, जहर, कुछ दवाइयां और कुछ बीमारियां भी लिवर में सूजन ला सकती हैं. लेकिन ज्यादातर मामलों में हेपेटाइटिस किसी वायरस की वजह से होता है.


हेपेटाइटिस के लक्षण:


लंबे समय तक रहने की स्थिति में हेपेटाइटिस के सामान्य लक्षणों में थकान, सूजन, दर्द, सूजन, वजन कम होना, टॉयलेट का गहरा रंग होना, मिट्टी के रंग का मल, पीलिया, वजन कम होना, कमजोरी और अन्य स्थितियां शामिल हैं जो किसी व्यक्ति के यकृत की स्थिति, व्यक्तिगत स्वास्थ्य, आयु और इम्युनिटी पर निर्भर करती हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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