सिगरेट, बीड़ी और खैनी के शौकीन ये तो जान लें कि सबसे ज्यादा तंबाकू होता कहां है? सबसे ज्यादा डिमांड कहां है
Tobacco Production: तंबाकू की खपत हर साल तेजी से बढ़ रही है और इसका बाजार भी. ऐसी क्या वजह कि लोग इसके बिना रह नहीं पाते.
![सिगरेट, बीड़ी और खैनी के शौकीन ये तो जान लें कि सबसे ज्यादा तंबाकू होता कहां है? सबसे ज्यादा डिमांड कहां है World Leading Tobacco Producing Countries Which country produces most Tobacco सिगरेट, बीड़ी और खैनी के शौकीन ये तो जान लें कि सबसे ज्यादा तंबाकू होता कहां है? सबसे ज्यादा डिमांड कहां है](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/22/25b2d0c326d7903f19283752d07cab921684744048849536_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
तंबाकू सबसे ज्यादा किस देश में पैदा होता है और किस देश के लोग सबसे ज्यादा स्मोकिंग करते हैं, ये बड़ा इंटरेस्टिंग सवाल है. इस महीने की 31 तारीख को दुनिया हर साल 'नो टोबैको डे' मनाती है. हर साल ये तारीख आती है और लोग स्मोकिंग कम करने की शपथ लेते हैं लेकिन होता उल्टा है. तंबाकू की खपत हर साल बढ़ रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग सिगरेट के शौकीन होते जा रहे हैं.
सबसे ज्यादा तंबाकू पैदा करने वाला देश
चीन इस मामले में टॉप पर है. हर साल दुनिया मे 6,665,713 टन तंबाकू पैदा होता है. इसमें से अकेले चीन का कॉन्ट्रीब्यूशन 2,806,770 टन है. भारत दूसरे नंबर है. हर साल भारत में 761,318 टन तंबाकू पैदा होता है. दुनियाभर में जितना तंबाकू यूज होता है उसका 50 प्रतिशत अकेले भारत और चीन में पैदा होता है.
सबसे ज्यादा तंबाकू फूंकने-खाने वाले लोग
चीन में सबसे ज्यादा तंबाकू होता है तो चीन के ही लोग इस मामले में नंबर वन हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक चीन में लगभग 30 करोड़ लोग स्मोकिंग करते हैं. चीन के आधे से ज्यादा युवा सिगरेट-बीड़ी पीते हैं. इंडिया भी पीछे नहीं हैं यहां के लगभग 27.20 परसेंट लोग किसी न किसी तरह तंबाकू का सेवन करते हैं.
कहां के लोग कम तंबाकू यूज करते हैं
स्वीडन, आइसलैंड, फिनलैंड, नॉर्वे, लग्जमबर्ग में रहने वाले लोग तंबाकू ज्यादा यूज नहीं करते. इन देशों की जनता खुद में मस्त रहती है. कुल पॉपुलेशन में से 9-10 परसेंट ही लोग तंबाकू का यूज करते हैं.
कैसे बनता है तंबाकू?
तंबाकू में निकोटिन समेत 60 तरह के विषैले पदार्थ होते हैं. कैंसर पर काम करने वाली एक सरकारी वेबसाइट के मुताबिक तंबाकू के धुएं में 7,000 से अधिक रसायनों में से कम से कम 250 को हानिकारक माना जाता है. इनमें हाइड्रोजन साइनाइड , कार्बन मोनोऑक्साइड और अमोनिया शामिल हैं. बीड़ी, सिगरेट, गुटखा के माध्यम से तंबाकू खून और फेफड़ों में पहुंचता है. इससे टार (कार्बनिक रसायन) बनता है जो फेफड़ों से चिपक जाता है. इससे फेफड़ों की कोशिकाओं में ऑक्सीजन सोखने और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ने की क्षमता घट जाती है. धीरे-धीरे से प्रक्रिया कैंसर तक पहुंच जाती है.
कितनी होती हैं मौतें
धूम्रपान की वजह से दुनिया के कई देशों में असमय मौत होती है. अमेरिका में हर साल लगभग 5 लाख लोग तंबाकू के कारण मरते हैं. भारत में हर साल 13 लाख लोग तंबाकू के सेवन से मर जाते हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, भारत में 2020 में देश के कैंसर बोझ का 27% हिस्सा तंबाकू से संबंधित कैंसर का था.
एक सिगरेट शरीर में क्या बिगाड़ देती है
- धुआं नाक की बाहरी परत को डैमेज करने लगता है.
- सिगरेट की हीट से मुंह, चेहरे और नाक की स्किन पर असर पड़ता है.
- होंठ काले पड़ने लगते हैं और झुर्रियां आने लगती हैं.
- धुआं दांतों के एनामल पर जमा होकर उन्हें पीला करने लगता है.
- मुंह के अंदर की स्किन डैमेज होने लगती है
- दांतों के बीच की कैविटी में टार जमने लगता है
- मुंह में लार कम बनती है, मुंह सूखने लगता है.
- टार और केमिकल्स मुंह और नाक को जोड़ने वाली नली में जमते हैं तो मुंह से बदबू आने लगती है
- धुआं गले में मौजूद पतली झिल्ली को नुकसान पहुंचाता है
- थ्रॉट इन्फेक्शन और कैंसर का बनते लगता है
- तंबाकू के केमिकल्स वोकल कॉर्ड को डैमेजक करने लगते हैं
- काफी समय तक सिगरेट पीने से गले का कैंसर भी हो सकता है
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