नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है. इस संकट ने विश्व स्तर पर महिलाओं की मेंस्ट्रल हाइजीन और स्वास्थ्य को प्रभावित किया है. कई जगहों पर तो लॉकडाउन के चलते इनसे जुड़े उत्पादों की आपूर्ति तक नहीं हो पा रही है, और महिलाएं लगातार इससे होने वाले संक्रमण का शिकार हो रही हैं.


यूनाइटेड नेशन इंटरनेशनल चिल्ड्रेन्स इमरजंसी फंड (यूनीसेफ) की गाइडलाइन्स के मुताबिक मेंस्ट्रल हाइजीन से जुड़े उत्पादों की आपूर्ति - जिसमें सैनिटरी नैपकिन, दर्द की दवा, मेंस्ट्रल कप और टैम्पोन शामिल हैं वो आवश्यक वस्तुएं हैं... और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सभी वर्गों के लिए उपलब्ध और सुलभ हों.


जो महिलाएं क्वारन्टीन हैं या फिर कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटीव पाए जाने की वजह से अस्पताल में हैं उनको मेंस्ट्रल हाइजीन बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. इसलिए वहां व्यवस्था संभाल रहे मैनेजर्स को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना चाहिए ताकि वे उन्हें सुविधा प्रदान कर सकें.


गरीब वर्ग की महिलाएं जिन्हें मेंस्ट्रल हाइजीन से जुड़ी वस्तुओं की आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. लॉकडाउन की वजह से स्टोर और परिवहन सुविधाओं के बंद होने के बाद उनकी परेशनाी और भी ज्यादा बढ़ गई है.


यह देखते हुए, कई गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) भी अधिकारियों के ध्यान में यह बात लाने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे महिलाएं जो विशेष रूप से गरीब वर्ग की है और जिनके पास इन चीजों की आपूर्ति के लिए न्यूनतम पहुंच है, इससे संघर्ष कर रही हैं. वे सरकार से गरीब महिलाओं को सेनेटरी पैड वितरित करने की अपील कर रहे हैं.


छह फीट की सामाजिक दूरी काफी नहीं, Coronavirus से बचना है तो इतनी दूरी करें मेंटेन

चेहरे पर क्यों पड़ती हैं झुर्रियां, ये आसान उपाय आपको हमेशा रखेंगे जवां