हर साल 20 अगस्त को पूरी दुनिया में विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है. यह मच्छर दिखने में भले ही छोटे होते हैं लेकिन यह गंभीर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियां फैलाते हैं. अगर इसके इलाज में हल्की सी लापरवाही हुई तो जान तक जा सकती है. आज हम आपको मच्छर की बीमारी से होने वाली मौत को लेकर जागरूक करेंगे. 


'एडीज एजिप्टी' मच्छर के काटने से चिकनगुनिया और डेंगू दोनों बीमारी होती है


'एडीज एजिप्टी' मच्छर के कारण डेंगू वायरस और चिकनगुनिया वायरस दोनों बीमारी होती है. जिन क्षेत्रों में दोनों वायरस एक साथ घूमते हैं. वे एक साथ बीमारी फैलाते हैं. साल 2006 में दिल्ली में डेंगू के प्रकोप के दौरान रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन-पीसीआर द्वारा 69 सीरम नमूनों में से 17 चिकनगुनिया वायरस पॉजिटिव थे. दोनों बीमारी एक ही मच्छर के काटने से होती है. 


चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) को 1953 में तंगानिका (अब तंजानिया) में अलग किया गया था. एशिया में, यह वायरस लगभग विशेष रूप से एडीज एजिप्टी मच्छरों द्वारा फैलता है. भारत में CHIKV का पहला प्रकोप 1963 में हुआ था; इसके बाद देश के अन्य हिस्सों में महामारी फैल गई. हाल ही में, हिंद महासागर के कई द्वीपों से CHIKV के बड़े पैमाने पर प्रकोप की सूचना मिली है. भारत में चिकनगुनिया के प्रकोप की सूचना 2005 में मिली थी, और विभिन्न राज्यों से 1.4 मिलियन चिकनगुनिया के मामले सामने आए थे.


मलेरिया की बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है.  मच्छर दुनिया का सबसे खतरनाक कीटों में से एक है. यह गंभीर बीमारियां फैलाती है. मच्छर की बीमारी से हर साल लाखों लोगों की मौत होती है. 


भारत में मलेरिया से होने वाली मौत


भारत में हर साल मलेरिया से लगभग 1,000 मौतें होती हैं, साथ ही लगभग 2 मिलियन इसके मरीज के आंकड़े सामने आते हैं. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दक्षिण पूर्व एशिया का अनुमान है कि वास्तविक संख्या 20,000 मौतों और 15 मिलियन मामलों के करीब है. 2022 में, भारत में पिछले वर्ष की तुलना में मलेरिया मृत्यु दर में 34% की कमी देखी गई, जिसमें 5,511 मौतें और 33.8 लाख मामले थे. यह 2014 की तुलना में काफी कमी है, जब भारत में मलेरिया से 562 लोगों की मौत हुई थी. सरकार के राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, जिसमें शैक्षिक कार्यक्रम, चिकित्सा सुविधाएं और जागरूकता अभियान शामिल हैं, ने पिछले कुछ सालों में देश में मलेरिया से होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में मदद की है.


 2 दिसंबर 2023 के आंकड़ों के मुताबिक 33.8 लाख मामलों और 5,511 मौतों के साथ, भारत में 2022 में मलेरिया की घटनाओं में 30 प्रतिशत और मृत्यु दर में पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.


भारत में डेंगू से होने वाली मौत


डेंगू भारत के कई हिस्सों में स्थानिक है और भारत के विभिन्न हिस्सों और विदेशों से अक्सर महामारी की खबरें आती रहती हैं. डेंगू बुखार (डीएचएफ) और डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) के मरीजों में मृत्यु दर 44% तक हो सकती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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