नई दिल्ली: मोटापा परेशानियों का कारण बनता है, फिर भी जो लोग सचेत नहीं हैं, वे इसे बीमारी मानने को तैयार नहीं होते. इतना ही नहीं, मोटापे से ग्रस्त लोग कोई टीका-टिप्पणी भी सहन नहीं करते. मोटापे को कोई भले ही न माने, लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक, ये कई रोगों को बुलावा देता है. आज विश्व मोटापा दिवस है. चलिए जानते हैं इसी मौके पर मोटापा से होने वाली परेशानियों के बारे में.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
साउथ दिल्ली स्थित हैबिलाइट बरिएट्रिक्स के संस्थापक, डॉ. कपिल अग्रवाल, वरिष्ठ सलाहकार, बरिएट्रिक एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन बताते हैं कि मोटापे के कारण नॉन कम्युनिकेबल डिजीज हो सकती हैं. इनका कहना है कि भारत में मोटापे के रोगियों के साथ बड़ी समस्या यह है कि वह अपनी बीमारी को एक रोग नहीं मानते हैं और इसके गंभीर परिणामों की अनदेखी करते हैं.


आंकड़े-
डॉ. कपिल ने बताया कि भारत दुनिया में तीसरा सबसे अधिक मोटी आबादी वाला देश है. भागदौड़ भरी जीवन शैली के साथ तेजी से बढ़ता शहरीकरण मोटापे के बढ़ते स्तरों के लिए मुख्य कारक है. हमारे देश में 10 प्रतिशत आबादी सामान्य मोटापे और 5 प्रतिशत आबादी अत्यधिक मोटापे की शिकार है.


नॉन कम्युनिकेबल डिजीज-
डॉक्टर्स के मुताबिक लोगों को मोटापा कम करने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना जरूरी है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो जल्द ही वे नॉन कम्युनिकेबल डिजीज के शिकार हो सकते हैं. इन डिजीज में शामिल हैं- कार्डियोवस्कुलर रोग (जैसे कि दिल के दौरे और स्ट्रोक), कैंसर, पुरानी श्वसन रोग, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.