World Rabies Day 2021: संक्रमण के मामलों में कमी के बावजूद हम अभी भी कोरोना महामारी की चपेट में हैं लेकिन कई दूसरी वायरल बीमारियां हैं जिसके बारे में हमें खुद को शिक्षित करना चाहिए. आज का दिन ‘विश्व रेबीज दिवस’ मनाने का है. 28 सितंबर को हर साल दुनिया भर में विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है. आज के दिन को फ्रांसिस वैज्ञानिक लुईस पाश्चर की बरसी के तौर पर भी याद किया जाता है. लुईस पाश्चर ने पहली बार रेबीज की वैक्सीन का विकास कर मेडिकल जगत को अनमोल तोहफा दिया था. रेबीज एक जूनोटिक बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है. इसका कारण है लायसावायरस. शरीर में ये वायरस कुत्ते, बिल्ली और बंदर जैसे जानवरों के काटने से प्रवेश करता है. 


विश्व रेबीज दिवस का इतिहास 
विश्व रेबीज दिवस पहली बार 28 सितंबर, 2007 को मनाया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, अमेरिका और एलायंस फोर रेबीज कंट्रोल के बीच साझेदारी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अंतरराष्ट्रीय अभियान की शुरुआत दुनिया में रेबीज के प्रतिकूल प्रभावों से पीड़ित होने के बाद की गई. 


विश्व रेबीज दिवस का महत्व
विश्व रेबीज दिवस को मनाने का मकसद रेबीज पर जागरुकता फैलाने और बीमारी की रोकथाम को बढ़ावा देना है. रेबीज एक वायरल बीमारी है जो इंसानों और जानवरों में दिमाग की सूजन का कारण बनती है. बीमारी का लोगों में आतंक स्वीकार करने के लिए ये महत्वपूर्ण दिन है. दिवस जानवरों की बेहतर देखभाल और रेबीज जैसी प्रतिकूल स्थितियों से निपटने की जानकारी फैलाने पर फोकस करता है. 


विश्व रेबीज दिवस का थीम
इस साल का विश्व रेबीज दिवस के लिए थीम रखा गया है 'रेबीज: तथ्य, खौफ नहीं'. इसका मतलब हुआ कि आप रेबीज के तथ्यों को उजागर कर लोगों के मन से डर दूर कर सकते हैं. थीम का उद्देश्य रेबीज के बारे में तथ्यों को साझा करना और गलत सूचना और मिथकों पर भरोसा नहीं करना है. 2018 का थीम था, 'रेबीज: संदेश साझा करें, एक जिंदगी बचाएं.'


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