(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
World Sleep Day: सोना फिट ही नहीं, बीमार भी बनाता है, जानिए... अधिक सोने से ये 5 रोग हो जाते हैं
अधिक सोना सेहत के लिए हानिकारक है. इसका नुकसान यह है कि अधिक सोने से व्यक्ति फिजिकल एक्टिव नहीं रहता. इससे हाइपरटेंशन, डायबिटीज, मोटापा, हार्ट रोग जैसे रोग होने लगते हैं.
Sound sleep Benefits: आज (17 मार्च) को वर्ल्ड स्लीप डे है. नींद सेहत के लिए कितनी जरूरी है और इसके कम या अधिक होने से क्या नुकसान हो सकते हैं. इसके बारे में लोगों को अवेयर करने के लिए ही ये दिन मनाया जाता है. कितने घंटे सोना सही रहता है और कितने नहीं. इसको लेकर अपने अलग अलग तर्क हैं. कुछ लोग कहते हैं कि दिन में 7 से 8 घंटे जरूर सोना चाहिए. जबकि कुछ लोगों का तर्क होता है कि सात से आठ घंटे सोने से भी अधिक जरूरी है कि इसमें कितने घंटे आप गहरी नींद मेें सोए. लेकिन यहां एक फैक्ट जानना जरूरी है. अधिकांश लोग सोना पसंद करते हैं. इसी चाहत में वह हर दिन कई घंटे फालतू सो जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, जो आप हर दिन कई घंटे फालतू सो रहे हैं. उसका बॉडी पर कितना नेगेटिव इफेक्ट है, ये जानना भी जरूरी है.
1. इंफेक्शन का बढ़ता खतरा
बहुत सारे लोग हर दिन 9 से 10 घंटे सोते हैं. कई बार यह सीमा 10 से 12 घंटे तक हो जाती है. इससे बॉडी में कई तरह के इंफ्लेमेशन होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे बचाव बेहद जरूरी है.
2. इम्यून सिस्टम होता है कमजोर
जो लोग अधिक सोते हैं और जो लोग हेल्दी नींद लेते हैं. अधिक सोने वाले लोगोें का हेल्दी नींद लेने वालों के सापेक्ष इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. हर दिन 9 घंटे से अधिक सोना प्रतिरोधक तंत्र को नुकसान पहुंचाता है.
3. मोटापा
अगर 8 या 9 घंटे से ज्यादा की नींद ले रहे हैं. इससे मोटापा होने की बहुत अधिक संभावना है. अधिक सोने वाले लोगों की एक्टिविटीज सुस्त हो जाती हैं. इसका असर डाइजेस्टिव सिस्टम पर पड़ता है. धीरे धीरे व्यक्ति मोटा होने लगता है.
4. हार्ट रोगोें का होना
जो लोग अधिक सोते हैं. उन्हें कई बीमारी होने का खतरा रहता है. अधिक सोने को लेकर एक स्टडी भी की गई. उसमें बताया गया कि अधिक सोने वाले लोगों में अन्य लोगों की अपेक्षा हार्ट प्रॉब्लम होने का खतरा बेहद अधिक रहता है.
5. डायबिटीज
नींद अधिक लेने पर मोटापा तो होता ही है. इसके साथ ही कई अन्य बीमारियां भी बॉडी मेें घर करने लगती हैं. एक ओर जहां मोटापा होता है. वहीं, हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी समस्याएं घर करने लगती हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि फिजिकल एक्टिविटीज बेहद कम हो जाती हैं और ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने लगता है. इंसुलिन शुगर को पचा नहीं पाता है और डायबिटीज हो जाती है.
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