World Stroke Day: स्ट्रोक के वॉर्निंग साइन को समझने से बच सकती है जान, समय रहते इस तरह करें पहचान
Health Tips: हर साल 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है. इस दिन स्ट्रोक की गंभीरता से जागरूक करने के लिए कई तरह के अभियान चलाए जाते हैं. आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी हर जानकारी.
World Stroke Day 2022: हर साल पूरी दुनिया में स्ट्रोक के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है. ब्रेन के एक खास हिस्से तक ब्लड सप्लाई में समस्या होने पर स्ट्रोक का खतरा रहता है. ब्लड सप्लाई की वजह से ब्रेन का जो हिस्सा बंद होता है, इस बीमारी के लक्षण उसी पर निर्भर करते हैं. न्यूरोलॉजिक डिसॉर्डर के चलते शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं, जिनसे आप स्ट्रोक का अंदाजा लगा सकते हैं. अगर समय रहते स्ट्रोक की चेतावनी को समझ लिया जाए तो न सिर्फ जान बच सकती है, बल्कि बीमारी का इलाज भी संभव हो पाता है. मेडिकल फील्ड में इसे शॉर्ट कट में 'FAST' कहा जाता है. वर्ल्ड स्ट्रोक डे (World Stroke Day 2022) के दिन आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी हर जानकारी.
ब्रेन स्ट्रोक में 'FAST' क्या है?
F- फेस ड्रूपिंग
अगर हंसते वक्त किसी शख्स बेचैन सा दिखने लगे, चेहरे के एक तरफ झुकाव महसूस हो या चेहरे का कुछ हिस्सा सुन्न हो जाए तो ये स्ट्रोक के खतरे का संकेत हो सकता है. कई बार तो हंसते-हंसते मुंह टेढ़ा दिखाई पड़ता है.
A- आर्म वीकनेस
अगर किसी व्यक्ति के दोनों हाथ उठाने के बाद उसके हाथ सुन्न या कमजोर महसूस हों तो स्ट्रोक का खतरा हो सकता है. हाथों के बीच बैलेंस बिगड़ना और नीचे की तरफ आ जाना, स्ट्रोक का संकेत हैं.
S- स्पीच डिफिकल्टी
किसी व्यक्ति को बोलने में परेशानी हो रही है या फिर वह किसी भी शब्द का उच्चारण ठीक ढंग से नहीं कर पा रहा है तो यह समस्या स्ट्रोक से जुड़ी हो सकती है. ऐसे शख्स को सिंपल वर्ड दें और बोलने को कहें. अगर वह नहीं बोल पा रहा है तो समझ जाएं कि परेशानी बढ़ रही है.
T- टाइम टू कॉल
अब अगर किसी भी व्यक्ति में इस तरह के संकेत दिखाई दें तो स्वास्थ्य विभाग को कॉल कर तत्काल इसकी जानकारी दें. इससे उस शख्स को समय रहते बचाया जा सकता है. इसके अलावा भी स्ट्रोक के कई और लक्षण होते हैं.
स्ट्रोक के अन्य लक्षण
- एक तरफ के हाथ-पैर कमजोर होना
- देखने में समस्या या धुंधला दिखाई देना
- शरीर का कोई भी हिस्सा सुन्न पड़ना
- शरीर पर कंट्रोल न होना
स्ट्रोक दो तरह का होता है
1. माइनर स्ट्रोक- जब मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड सप्लाई नहीं हो पाता, तब आर्टिलरी फट जाती है, इससे ब्रेन के किसी भी हिस्से में खून का थक्का जम जाता है, जिसे माइनर स्ट्रोक कहते हैं.
2. मेजर स्ट्रोक- जब आर्टिलरी फट जाती है, तब अधिक मात्रा में खून बहता है और मस्तिष्क के किसी हिस्से में जमा हो जाता है. इससे ब्रेन काम नहीं कर पाता है और परेशानियां बढ़ने लगती हैं.
स्ट्रोक के कारण
- हाई ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज
- दिल की बीमारी
- शराब, सिगरेट और गुटखा के अत्यधिक सेवन से
- कोलेस्ट्रॉल का कंट्रोल न होना
स्ट्रोक से बचना है तो बदल लें ये आदतें
- शराब का सेवन न करें
- तंबाकू खाने से बचें
- एक्सरसाइज करें, व्यायाम में किसी तरह की कमी न करें.
- डाइट को संतुलित रखें. सैचुरेटेड फैट, नमक, ट्रांस फैट और हाई कोलेस्ट्रॉल वाली चीजों से बचें
- फल और सब्जियां भरपूर खाएं, इसके कम इस्तेमाल से बचें
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