दुनिया का पहला मलेरिया टीका मिलेगा 3 अफ्रीकी देशों को
लंदन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को तीन अफ्रीकी देशों- घाना, केन्या और मलावी को दुनिया का पहला मलेरिया टीका दिए जाने की घोषणा की. इस टीका का वितरण 2018 में शुरू होगा. बीबीसी ने डब्ल्यूएचओ के हवाले से कहा कि 'आरटीएस,एस टीका' शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मलेरिया परजीवी के खिलाफ तैयार करेगा. मलेरिया मच्छरों के काटने से फैलता है. यह टीका चार बार दिए जाने की जरूरत है. तीन महीनों तक महीने में एक बार और इसके बाद चौथी खुराक 18 महीने बाद दी जानी है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि इसे पूरी तरह नियंत्रित और नैदानिक परीक्षणों के बाद ही प्राप्त किया गया है, लेकिन अब तक यह साफ नहीं हुआ है कि इनका प्रयोग उन इलाकों में किया जा सकता है, जहां स्वास्थ्य सेवाएं सीमित हैं. यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र संगठन तीन देशों में इसे परीक्षण के तौर पर चला रहा है, ताकि यह देखा जा सके कि क्या इसे पूरे मलेरिया टीका कार्यक्रम की तरह शुरू किया जा सकता है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह टीके की प्रभावशीलता और सुरक्षा का भी आकलन जारी रखेगा. डब्ल्यूएचओ के अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक मात्सीदिसो मोइटी ने कहा, मौजूदा मलेरिया के बचाव के प्रयासों के साथ मिलकर इस तरह के टीके से अफ्रीका में हजारों लोगों का जीवन बचाने की क्षमता है. घाना, केन्या और मलावी को इसलिए चुना गया, क्योंकि पहले ही मलेरिया से निपटने के बड़े कार्यक्रम चल रहे हैं. फिर भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. डब्ल्यूएचओ के आकड़ों के मुताबिक, बड़ी प्रगति के बावजूद अब भी हर साल 21.2 करोड़ नए मामले सामने आ रहे हैं और इससे 429,000 मौतें हो रही हैं. अफ्रीका इससे बुरी तरह प्रभावित है और ज्यादातर बच्चे मौत का शिकार हो रहे हैं.
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