अनियमित जीवनशैली और खराब खानपान के कारण पेट से जुड़ी बीमारियों को लोगों के ज्यादा हो रही है. इस समस्या से संतुलित खान-पान योगासान के जरिए निजात पाया जा सकता है. हम आपको कुछ ऐसे ही योगसन के बारे में बताने जा रहे हैं.
कपालभाति प्राणायाम
इस योगासन के अभ्यास से पेट को बहुत फायदा होता है और फालतू चर्बी भी कम हो जाती है.
विधि
- सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठें और अपनी हथेलियों को घुटनों पर रखें.
- हथेलियों की मदद से घुटनों को पकड़कर शरीर को एकदम सीधा रखें.
- अब अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल करते हुए सामान्य से कुछ अधिक गहरी सांस लेते हुए अपनी छाती को फुलाएं.
- इसके बाद झटके से सांस को छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खिंचे.
- आप जैसे ही अपने पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़ते हैं, सांस अपने आप ही फेफड़ों में पहुंच जाती है.
मत्स्यासन
यह आसन शरीर के थकान को कम कर पेट के सूजन को कम करता है. यह आसन पेट और पेडू को उत्तेजित कर पेट की गैस, सूजन और अपच से मुक्ती दिलाता है.
विधि
- दण्डासन में बैठकर दाएं पैर को बाएं पैर पर रखकर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें.
- अपने हाथों का सहारा लेते हुए पीछे की ओर अपनी कोहनियां टिकाकर लेट जाएं.
- पीठ और छाती ऊपर की ओर उठी और घुटने भूमि पर टिकाकर रखें. अब अपने हाथों से पैर के अंगूठे पकड़ें और गहरी सांस लेते रहें.
- ध्यान रखें आपकी कोहनी जमीन से लगी होनी चाहिए.
धनुरासन
इस योगासन से कब्ज, पीठदर्द, पेट की सूजन, थकान और मासिकधर्म के समय होने वाली समस्याएं दूर होती हैं.
विधि
- इस आसन को करने के लिए थोड़े अभ्यास की जरूरत है इसलिए धीरे-धीरे इसका अभ्यास करें
- सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं. अब अपने घुटनों को मोड़कर कमर के पास ले जाएं और अपने तलवों को दोनों हाथों से पकड़ें.
- सांस लेते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं. अब अपने पैरों को आगे की ओर खीचें.
- अपना संतुलन बनाते हुए सामने देखें. 15-20 सेकेंड बाद सांस छोड़ते हुए अपने पैर और छाती को धीरे-धीरे जमीन की ओर लाएं.
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