नईदिल्लीः 2016 खत्म होने के अब कुछ ही दिन बचे हैं. ये साल हर किसी के लिए अलग-अलग रहा. आज हम बात कर रहे हैं हेल्थ के हिसाब से कैसा रहा ये साल. जी हां, आज हम आपको बता रहे हैं इस साल मेडिकल की दुनिया में वे कौन से बड़े डवलपमेंट हुए जिसे सुन ना सिर्फ लोगों ने राहत सांस ली बल्कि ये लोगों को कई बीमारियों से भी बचा सकते हैं.
चिकनगुनिया की वैक्सीन-
इस साल देशभर में मच्छर जनित बीमारी चिकनगुनिया से कई लोगों की मौत हुई और सैकड़ों लोग इससे पीडि़त रहे. लेकिन अब इसके इलाज के लिए आ गया है टीका. जिसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है.
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इबोला की वैक्सीन-
चिकनगुनिया की तरह ही अब इबोला की वायरस की वैक्सीन भी आ गई है. हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इस बात की पुष्टि की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये इबोला वैक्सीन 100 पर्सेंट प्रभावी है.
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सक्सेसफुली ब्रेन का हुआ इंप्लांट-
इस साल नीदरलैंड के डॉक्टर्स ने पहली बार एक महिला का ब्रेन रिप्लेसमेंट किया है. ब्रेन इंप्लांट्स की तकनीक कुछ समय पहले ही डवलप हुई थी. तो अब ब्रेन ट्रांसप्लांट करना भी हो जाएगा आसान.
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सलाइवा टेस्ट करेगा इम्यून सिस्टम की जांच-
हाल ही में आई एक रिसर्च के मुताबिक, बेहद सस्ते सलाइवा टेस्ट (लार परीक्षण) से आपके इम्यून सिस्टम की कैपेसिटी का पता आसानी से लगाया जा सकेगा. इस टेस्ट के जरिए बैक्टीरियल इंफेक्शन से सुरक्षा करने और वैक्सीनेशन का आकलन करने में आसानी होगी.
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नी फ्लेक्स टेक्नीक से नी रिप्लेसमेंट होगा ज्यादा सक्सेसफुल-
नी रिप्लेसमेंट प्रोसेस के बाद हर मरीज चाहता है कि उसकी चलने की स्पीड बाद में भी उसी तरह बरकरार रहे. इस सपने को साकार करने के लिए आ गई है हाई फ्लेक्स नी तकनीक. इससे घुटनों को मोड़ने लायक और लचीला बनाया जा सकता है.
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जल्द ही तैयार हो सकता है HIV का टीका-
पहली बार शोधकर्ताओं ने शोध में ये पता लगाया है कि खांसी जुकाम के वायरस के जरिए डीएनए बेस्ड टीके को शरीर में इंजेक्ट करने से HIV से बचाव में मदद मिल सकती है.
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बिना खून बहे होगा अंगों का रिप्लेसमेंट-
आज की तकनीकी दुनिया ने बहुत तरक्की कर ली है और इसी का नतीजा है कि अब बिना सर्जरी और चीर-फाड़ के शरीर के अंगों का आसानी से रिप्लेसमेंट किया जा सकता है.
एक ऐसी ही तकनीक है ‘एमआईएस’ यानी मिनिमली इनवैसिव सर्जरी. इस सर्जरी से मरीज को कई फायदे हो सकते हैं. आमतौर पर मरीज ऑपरेशन इसलिए नहीं करवाते क्योंकि इसमें बहुत दर्द होता है लेकिन एमआईएस तकनीक के जरिए दर्द का पता भी नहीं चलता.
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पिट्यूटरी ट्यूमर का ऑपरेशन हुआ सफल-
इस साल कई क्रिटिकल कंडीशंस वाले ऑपरेशंस सफल हुए हैं. इन्हीं में से एक है पिट्यूटरी ट्यूमर ऑपरेशन. इसमें मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की जान बचा ली.
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घर बैठे होंगे कैंसर टेस्ट-
अब मेडिकल टेस्ट करवाना ना सिर्फ आसान होगा बल्कि उनके रिजल्ट भी आसानी से उपलब्ध होंगे. एक बेहद सस्ता पोर्टेबल लैबोरेट्री डवलप किया है जो कि आपके स्मार्टफोन में मौजूद होगा. इस लैबोरेट्री के जरिए एक ही जगह पर कई तरह के कैंसर बायोमार्कर सैंपल्स जांच के लिए दिए जा सकेंगे. अच्छी बात ये है इन टेस्ट की क्वालिटी बाकी लैब्स की तरह ही होगी.
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Year Ender 2016: इन खबरों को जान सालभर आपने ली राहत की सांस!
ABP News Bureau
Updated at:
26 Dec 2016 01:04 PM (IST)
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