सालभर इन खबरों पर हुई खूब चर्चा, किसी को खुशियां मिली तो किसी को चौंकाया!
नईदिल्लीः बीते एक साल में महिलाओं से जुड़ी कई चीज़ें बदलीं तो सरकार की तरफ अनेक फैसले भी लिए गए. इन फैसलों और बदलाव पर मिलीजुली प्रतिक्रिया रही. लेकिन कुछ ऐसे फैसले भी आएं जो महिलाओं को खास ध्यान में रखकर किए गए. आज हम आपको सालभर के लेखा-जोखा के तहत बताने जा रहे हैं कुछ चौंकाने वाली ऐसी बातें जिसका असर सभों पर पड़ा.
सरोगेसी रेगुलेशन बिल - मोदी कैबिनेट ने 14 सितंबर को उस बिल को मंजूरी दे दी जिसमें किराये की कोख (सरोगेसी) वाली मां के अधिकारों की रक्षा के उपाय किये गये हैं. इसके साथ ही सरोगेसी से जन्मे बच्चों के अभिभावकों को कानूनी मान्यता देने का प्रावधान है. कैबिनेट से पास सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2016 के मुताबिक, अविवाहित पुरुष या महिला, सिंगल, लिव इन में रह रहा जोड़ा और समलैंगिक जोड़े अब सरोगेसी के लिए आवेदन नहीं कर सकते. इसके साथ ही अब सिर्फ रिश्तेदार महिला ही सरोगेसी के जरिए मां बन सकती है.
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मैटरनिटी लीव बिल- राज्यसभा में मैटरनिटी लीव बिल सर्वसम्मति से पास हुआ जिसमें प्राइवेट कंपनियों की फीमेल एम्लॉइज के लिए मैटरनिटी लीव 12 से बढ़ाकर 26 हफ्ते की गई है. इस बिल में प्रावधान है कि 50 से ज्यादा कर्मचारियों वाले दफ्तर को एक क्रेच भी बनाना होगा.हालांकि अभी ये लोकसभा में पास होना बाकी है. पूरी खबर यहां पढ़ें
पुरुषों के लिए आया गर्भनिरोधक इंजेक्शन- शोधकर्ताओं ने एक हार्मोन आधारित इंजेक्शन तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल कर पुरुष अपनी महिला साथी का गर्भधारण रोक सकेंगे. पूरी खबर- पुरुष के हार्मोन रोकेंगे महिला का गर्भधारण!
बच्ची ने लिया दो बार जन्म- इसे चमत्कार ही कहा जाएगा कि एक बच्ची का दो बार जन्म हो. आप भी पड़ गए ना हैरत में. जी हां, अमेरिका की एक बच्ची के साथ कुछ ऐसा ही मामला हुआ. दरअसल, अमेरिका में रहने वाली एक महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान पता चला कि उसके होने वाले बच्चे को ट्यूमर हैं. ये ऐसा ट्यूमर था जिससे बच्चे की गर्भ में ही मौत हो सकती थी या उसके कार्डियो प्रॉब्लहम भी हो सकती थी. अगर ये ट्यूमर बढ़ता तो बच्चे की गर्भ में ही मौत होने की पूरी आशंका थी. ऐसे में डॉक्टर्स ने ट्यूमर रिमूव करने का निर्णय लिया और बच्चे को गर्भ से बाहर निकाल कर ट्यूमर रिमूव किया.ट्यूमर निकाल कर बच्चे को वापिस गर्भ में रख दिया और प्रेग्नेंसी की अवधि पूरी होने पर बच्ची ने सर्जरी के जरिए इस दुनिया में कदम रखा.
मर्दों के लिए नया गर्भनिरोधक- अब महिलाओं को मिलेगा गर्भनिरोधक गोलियां खाने से छुटकारा, क्योंकि अब आ गया है पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक. एक इंजेक्शन जो खत्म करेगा गर्भनिरोधक गोलियां खाने का झंझट और पुरुषों को बचाएगा नसबंदी से. मेडिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन पार्सिमस फाउंडेशन द्वारा नॉन हार्मोनल मेल कान्ट्रासेप्शन 'वेसलजैल' तैयार किया गया है. इसे पहली बार एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन पैनल) द्वारा कंडोम के बाद पुरुष गर्भनिरोधक के रूप में अप्रूव किया गया है. ऐसा माना जा रहा है कि ये जैल 2018-2020 के आसपास अमेरिका के बाजारों में आएगी. साथ ही ये कन्ट्रासेप्शन को देखने का नजरिया बदल देगी. शोधकर्ता मान रहे हैं कि आधे से अधिक पुरुष इसका इस्तेमाल करेंगे. पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें- मर्दों के लिए आएगा नया गर्भनिरोधक, एक इंजेक्शन दिखाएगा अपना कमाल!
समलैंगिक भी कर पाएंगे अपना बच्चा – अभी तक टेस्ट ट्यूब बेबी, आईवीएफ, सरोगेसी जैसी तकनीकों को अपनाकर बच्चा पैदा किया जाता था लेकिन अब त्वचा के सेल्स लेकर भी बच्चे को जन्म दिया जा सकेगा. दिलचस्प बात ये है कि इससे पुरुषों को अभिभावक बनने के लिए महिला पार्टनर की जरूरत नहीं पड़ेगी. इतना ही नहीं, जो महिलाएं कैंसर या किसी अन्य गंभीर बीमारी के कारण अपनी प्रजनन क्षमता खो देती हैं वे भी मां बन सकती हैं. लेकिन ऐसे लोग तभी बच्चा कर पाएंगे जब वे इलाज से पहले अपने अंडाणुओं को फ्रोजन करवा दें. इस तकनीक के बारे में पढ़ने के लिए करें क्लिक
पैटरनिटी लीव- आयरलैंड में पिता बनने वालों को इस साल सितंबर से दो हफ़्ते की 'पैटरनिटी लीव' मिलने का प्रावधान शुरू हुआ. छुट्टी के दौरान उनका वेतन भी नहीं कटेगा. इस फैसले के बाद आयरलैंड उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो मेल एम्प्लॉई को 'पेड लीव' देते हैं. अब तक ब्रिटेन, स्पेन, पोलैंड, वेनेज़ुएला, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी पिता बनने वालों को सेलरी के साथ छुट्टी देते हैं.
तीन लोगों' के डीएनए से पैदा होगा बच्चा- ब्रिटेन में 'तीन लोगों' के डीएनए से पैदा होने वाले बच्चों को मंज़ूरी मिल गई है. लंबे वक्त तक विवादों में रही इस तकनीक के ज़रिए बच्चों में ख़तरनाक जेनेटिक बीमारियों को रोका जा सकेगा. जानकारों की मानें तो शुरुआत में हर साल करीब 25 दंपति इस तकनीक की मदद से संतान लाभ ले सकेंगे.
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