नई दिल्लीः मुरादाबाद के कारोबारी अमित गर्ग ने योग को ही अपना जीवन बना लिया है. योग ने अमित को नई जिंदगी दी. अब अमित योग में ही डूबे रहना चाहते हैं.
अमित गर्ग मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सामान के डिस्ट्रीब्यूशन का काम करते हैं. काम के चलते अमित का ट्रैवल का बहुत काम है. ट्रैवल और बैठने की वजह से इन्हें गर्दन और कमर की बीमारियों ने जकड़ लिया था. इन्हें सर्वाइकल, माइेग्रन और कोल्ड-कफ की दिक्कत रहने लगी थी.
2009 में अमित गर्ग ने योग गुरू भारतभूषण और प्रतिष्ठा जी से संपर्क किया. इन्होंने योग गुरू से योगा का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद 6 महीने तक लगातार योग किया. योगा करने से अमित गर्ग की बीमारियां 50 फीसदी तक खत्म हो गईं. 1 साल तक जब अमित गर्ग ने योगा का निरंतर जारी रखा तो वे पूरी तरह से ठीक हो गए.
योग गुरू के पास जाने से पहले अमित गर्ग ने कई डॉक्टर्स से इलाज करवाया था लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ था. अमित दवाएं ले-लेकर थक चुके थे. लेकिन योग शिविर में जाने के बाद आज अमित एक स्वस्थ जिंदगी जी रहे है. अब अमित मुरादाबाद में लोगों को योग के लिए प्रेरित करने लगे हैं. योग शिविर लगाने लगे हैं.
अमित बताते हैं कि उनके भाई को स्लीप डिस्क की प्रॉब्लम हो गई थी. डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन के लिए बोल दिया था. लेकिन उनके भाई ने जब मरघटासन लगातार किया तो उसकी स्लीप डिस्क की समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई. आज अमित के भाई कितना भी वजन उठा सकते हैं. इस तरह योग से अमित और उनके भाई की जिंदगी में बदलाव आया.