Pranayam Is Good For Asthma: सितंबर के महीने से जब मौसम में हल्की ठंडक आने लगती है और बारिश होती है तो अस्थमा के मरीजों की समस्या बढ़ने लगती है. अस्थमा को दमा भी कहते हैं. ये ऐसी बीमारी है जिसमें सांस लेने में मुश्किल होने लगती है. अस्थमा के मरीज की सांस नलियां सूज जाती हैं और सांस लेने का मार्ग सिकुड़ जाता है. ऐसी स्थिति में ब्रॉनकायल टयूब्स से सांस फेफड़ों के अन्दर और बाहर जाती है. जब सूजन ज्यादा बढ़ जाती है तो सांस लेने में ज्यादा परेशानी होने लगती है. ऐसे में मरीज को सांस लेने में तकलीफ, खांसी, घरघराहट और सीने में जकड़न होने लगती है. अस्थमा के मरीज को बदलते मौसम में अपनी दवाओं का सेवन जरूर करना चाहिए. इसके अलावा कुछ योगासन हैं जिनसे आप राहत पा सकते हैं. 


1- अर्ध मत्स्येंद्रासन- अस्थमा के मरीज को अर्ध मेरुदंड मरोड़ आसन करना चाहिए. इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन का फ्लो अच्छा रहता है. इस योग से छाती खुलती है. इससे मरीजों को काफी आराम मिलता है. 


2- पवनमुक्तासन- इस योगासन से पाचनक्रिया मजबूत होती है. ये योगासन उदर को मजबूत बनाता है. जो लोग इसे रोजाना करते हैं उन्हें गैस की समस्या में आराम मिलता है. अस्थमा के मरीज को इससे फायदा होता है. 


3- सेतुबंधासन- अस्थमा के मरीजों के लिए ये आसान बहुत फायदेमंद है. इस योग को करने में बनने वाली सेतुमुद्रा से छाती और फेफड़ों का रास्ता खुलता है. अस्थमा और थायरॉयड में इससे आराम मिलता है. 


4- भुजंगासन- अस्थमा के मरीजों को भुजंगासन करने से भी आराम मिलता है. इसमें कोबरा मुद्रा में रहने से सीने में होने वाली सांस की परेशानी कम होती है. इस आसन को करने से ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है. 


5- अधोमुख श्वानासन- अस्थमा और साइनेस से पीड़ित लोगों को अधोमुख श्वानासन जरूर करना चाहिए. इस योगासन से मन शांत होता है और स्ट्रेस कम होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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