Health News: खीरा (cucumber) अपने उच्च पानी की मात्रा के लिए जाना जाता है. इसमें 95 फ़ीसदी पानी होता है, अक्सर जो लोग वजन घट आते हैं उन्हें खीरा खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि खीरे में उच्च मात्रा की फाइबर होता है जो आपको लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है. इससे ज्यादा भूख नहीं लगती है. आसानी से इसे सब्जियों के दुकान पर खरीदा जा सकता है.


लंच या डिनर में खीरा खाने से नुकसान


हमारे यहां कोई वजन घटाए या ना घटाए, अक्सर खीरे (cucumber) को लंच या डिनर में खाते ही खाते हैं. लेकिन ऐसा करना हमारे लिए नुकसानदेह हो सकता है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ अलका विजयन ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर बताया है. उन्होंने कहा कि वह खाने के साथ खीरा कभी नहीं खाती है और ना ही अपने पेशेंट को इसकी सलाह देती हैं. उन्होंने इस पर विस्तार से बात करते हुए कहा कि मैं खीरा पके हुए खाना के साथ खाना पसंद नहीं करती, ना ही मैं इसे अपने पेशेंट को खाने की सलाह देती हूं.




 


 

 



 

 


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A post shared by Dr Alka Vijayan, Ayurveda (BAMS) (@dralkaayurveda)



शरीर में दर्द का कारण बन सकता है खीरा


इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जब कच्चे और पके हुए भोजन साथ मिला दिए जाते हैं तो इससे पाचन में देरी होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर द्वारा पके और कच्चे खाद्य पदार्थ को पचाने में लगने वाला समय अलग-अलग होता है, क्योंकि पका हुआ भोजन पहले से ही गर्मी के कारण एक परिवर्तन से गुजर चुका है. जिससे अमा नमक प्रो इंफ्लेमेंट्री उत्पादनों का निर्माण होता है. अमा हमारे शरीर में दर्द और दर्द का कारण है. लंबे समय में सूजन की,स्थिति का कारण बन सकता है.


कुकुर्बिटासिन बन सकता है अपच का कारण


वहीं अन्य आहार विशेषज्ञों ने बताया कि खीरा वजन घटाने के लिए तो बेहतरीन है ही, क्योंकि इसमें पानी की मात्रा बहुत होती है. इसके अलावा खीरे में जो बीज होती है वह कब्ज को रोकने में मदद करती है और फाइबर और पानी दोनों ही कब्ज नहीं होने देते, लेकिन इसमें पाया जाने वाला कुकुर्बिटासिन अपच का कारण बन सकता है. कमजोर पाचन स्वास्थ्य वाले कुछ लोगों को इसके कारण खीरे को पचाने में मुश्किल हो सकती है, क्योंकि यह गैस और पेट फूलने जैसी अपच की समस्याओं को पैदा करने के लिए जाना जाता है. खीरे के सिरों पर कुकुर्बिटासिन पाया जाता है जिसको हटाकर, आप खीरे के बाकी हिस्सों में कुकुर्बिटासिन के फैलने की संभावना को सीमित कर सकते हैं