Sleep Too Much: नींद के बारे में अक्सर यही बात होती है कि आपको हर दिन कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. इससे कम नींद लेने पर आप बीमार पढ़ जाते हैं. कम सोना ना केवल आपको शारीरिक रूप से थका हुआ रखता है बल्कि मानसिक रूप से भी थकान और उदासी बढ़ाता है. हालांकि कम सोना जितना अधिक बुरा है, उतना ही खतरनाक है अधिक सोना. यहां आपको अधिक सोने के लक्षण और इसके कारण होने वाली समस्याओं के बारे में बताया जा रहा है...
सबसे पहले नींद को समझें
कुछ लोगों के साथ ऐसा होता है कि वे हर दिन 5 से 6 घंटे या इससे भी कम सोते हैं लेकिन सप्ताह के अंत में यानी वीकेंड पर सोकर अपनी नींद पूरी कर लेते हैं. इसे स्लीप डिप्रिवेशन कहते हैं. हालांकि यह स्थिति आपको गंभीर रूप से बीमार होने से बचा लेती है लेकिन इसमें एक्सपर्ट होना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है. और लंबे समय तक ऐसा करना भी आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. क्योंकि इसका असर एकाग्रता में कमी होना, याददाश्त कमजोर होना, जंक फूड के लिए अधिक क्रेविंग होना, वेट बढ़ना, मूड अपसेट रहना और हर समय थकान महसूस करने के रूप में सामने आता है.
ज्यादा सोने के लक्षण और इससे होने वाली परेशानियां
1. सिरदर्द: नींद पूरी ना होने पर सिर में दर्द होने के बारे में सभी जानते हैं लेकिन कम ही लोगों को इस बात का अहसास होता है कि अधिक सोने से भी सिर में दर्द होने लगता है. जब आप अधिक सोते हैं तो सिर में भारीपन, मूड उखड़ा हुआ रहने की समस्या हो जाती है.
2. ब्रेन फोग की समस्या
ब्रेन फोग को अगर आप समझते हैं तो बहुत अच्छी बात है और अगर नहीं समझते हैं तो आप इस फीलिंग को इस तरह समझ सकते हैं कि अधिक सोने से आपको लगता है कि आप किसी जगह पर शरीर से तो प्रजेंट हैं लेकिन आपका दिमाग आपके साथ नहीं है, आपको ऐसा लगता है जैसे सिर में रूई या कॉटन वॉल जैसा कुछ भर-सा गया है और आप चाहकर भी अपना फोकस सही नहीं रख पाते हैं.
3. सोकर जागने के बाद भी थकान रहना
जब नींद पूरी होती है और सोकर उठते हैं तो आप खुद को फ्रेश फील करते हैं. लेकिन जब आप जरूरत से अधिक सोते हैं तो सोकर जागने के बाद भी थकान लगती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बायॉलजिकल क्लॉक सेट नहीं हो पाती और बॉडी कंफ्यूज रहती है. ऐसे में आपके शरीर और मस्तिष्क के बीच संतुलन में भी समस्या होने लगती है और आप सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता में कमी अनुभव करते हैं.
4. वजन बढ़ना
मतिभ्रम, चीजें भूलना, याददाश्त में लगातार गिरावट होने के साथ ही अधिक सोने से शरीर का फैट बढ़ने लगता है और देखते ही देखते आपका वजन कई गुना तक बढ़ सकता है. इसलिए सोने और जागने का सही समय निर्धारित करना जरूरी होता है. खास बात यह है कि आप अगर लेट नाइट शिफ्ट में काम करते हैं, तब भी अपना सोने और जागने का एक समय निर्धारित कर लें. इससे शरीर की बायॉलजिकल क्लॉक सेट हो जाती है और आपको शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना बहुत कम करना पड़ता है.
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