Osteoporosis: ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जिसमें हड्डी भुरभुरी हो जाती है. साफ शब्दों में कहें तो जब हड्डियों स्वसथ होती है तो इसमें इसमें छोटे-छोटे छेद होते हैं, वहीं जब किसी व्यक्ति को ओस्टियोपोरोसिस होता है तो हड्डियों के छेद स्वाभाविक से ज्यादा बढ़ जाते हैं. इस वजह से हड्डी अपनी क्षमता खो देती है और उसकी बाहरी सतह कमजोर और पतली हो जाती है और इसका परिणाम यह होता है कि हड्डियों के टूटने का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है. मामूली तौर पर गिरने से भी फ्रैक्चर हो सकता है. कुछ मामले तो इतनी गंभीर हो जाते हैं कि छींकने से भी हड्डी टूट जाती है. इस समस्या में व्यक्ति के पैर में दर्द, चलने फिरने में तकलीफ होती है.रोजमर्रा के काम करने में भी असमर्थता हो जाती है.


युवाओं में भी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा


आपको जानकर हैरानी होगी कि पहले यह समस्या 45 से ज्यादा उम्र के लोगों को होती थी. लेकिन अब 30 से 40 साल के युवा भी ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हो रहे हैं. भारत में इस बीमारी के एक करोड़ से अधिक मामले इस वक्त मौजूद हैं. इस समस्या में हड्डियां रीजेनरेट होने के बजाय डीजेनरेट होने लगती है.ये तब होता है जब आपके भोजन में भरपूर मात्रा में कैल्शियम मौजूद नहीं होता है.


वहीं, यह समस्या उन लोगों को भी होती है जो विटामिन डी की कमी से जूझ रहे होते हैं. शराब और धूम्रपान के कारण भी ओस्टियोपोरोसिस की समस्या हो जाती है. महिलाओं में मेनोपॉज के बाद होने वाले हार्मोन अल बदलाव में भी ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है. इस बीमारी से बचने के लिए हर रोज 1000 मिलीग्राम कैल्शियम का सेवन करना जरूरी होता है. इसकी आपूर्ति का सबसे अच्छा माध्यम है कैल्शियम युक्त आहार.


ओस्टियोपोरोसिस के लक्षण



  • हाथ पैर या शरीर के अन्य अंगों में बार-बार फ्रैक्चर आना

  • शरीर का आगे की ओर झुकने लगना

  • थोड़ा बहुत ही चलने पर थकावट महसूस होना

  • पीठ में लगातार दर्द महसूस होना

  • किसी वस्तु को पकड़ने में शक्ति की कमी महसूस होना



ओस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए इन फूड को करें आहार में शामिल


तिल- विशेषज्ञ के मुताबिक तिल में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. इसके अलावा तिल में आयरन, प्रोटीन, फॉस्फोरस, फाइबर, मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. अगर आप रोज एक चम्मच तिल का सेवन करते हैं तो शरीर को 146 मिलीग्राम कैल्शियम मिल सकता है जिससे ओस्टियोपोरोसिस की समस्या में राहत मिल सकती है.


सरसों का साग- सरसों का साग कैल्शियम का पावर हाउस है. इसमें कैल्शियम की मात्रा 120 मिलीग्राम होती है. ओस्टियोपोरोसिस की समस्या में राहत पाना है तो आपको अपने डाइट में सरसों का साग शामिल करना चाहिए.


कीवी- ओस्टियोपोरोसिस की समस्या से निजात पाने के लिए आपकी भी कीवी का सेवन कर सकते हैं. अकेले एक कीवी में 23 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है. इसका सेवन शरीर के लिए काफी अच्छा होता है. इससे फोलेट की कमी भी आसानी से दूर की जा सकती है. इसके अलावा इसमें विटामिन सी भी पाया जाता है, जिससे आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होती है.


रागी-आप अपने डाइट में रागी को भी शामिल कर सकते हैं. रागी में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है 100 ग्राम रागी में 344 से लेकर 364 मिलीग्राम तक कैल्शियम होता है.


बादाम- बादाम में भी कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है.बादाम का सेवन करने से पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिल जाता है. आप बादाम का हलवा, बादाम की खीर, बादाम वाला दूध और भुने हुए बादाम खा सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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