Myths Vs Facts: एक्सरसाइज करेंगे तो हार्ट अटैक नहीं होगा, जानें क्या है पूरा सच?
पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय कम उम्र में ही दिल की बीमारी से पीड़ित हो जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में यह कहना बिल्कुल गलत होगा कि जो एक्सरसाइज करते हैं उन्हें हार्ट अटैक नहीं आता है.
ऐसे समय में जब एक अच्छा शरीर नया चलन बन गया है, युवा वयस्क पहले से कहीं ज़्यादा बार जिम जा रहे हैं. एक मज़बूत और भारी शरीर बनाने के प्रयास में जिम जाने वाले लोग अक्सर कठोर व्यायाम करते हैं जो शायद उनके शरीर की ज़रूरतों और क्षमता के अनुकूल न हों. भारत के युवा वयस्क - चाहे पुरुष हों या महिलाएं आज पहले से कहीं ज़्यादा हृदय रोगों के शिकार हो रहे हैं.
पश्चिमी देशों की तुलना में भारतीय अपने समकक्षों की तुलना में कम से कम 10 साल पहले हृदय रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं. भारत के खराब हृदय स्वास्थ्य के पीछे एक कारण यह है कि हमारे पास पश्चिमी आबादी की तुलना में तुलनात्मक रूप से छोटी रक्त वाहिकाएं हैं. युवा लोगों और फिटनेस फ्रीक में दिल के दौरे के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, हम इस खतरनाक स्वास्थ्य समस्या के पीछे के कारणों पर कुछ प्रकाश डालते हैं. इसलिए यह कहना बिल्कुल गलत होगा कि जो एक्सरसाइज करते हैं उन्हें हार्ट अटैक नहीं होगा. अगर एक्सरसाइज करने से हार्ट अटैक नहीं पड़ते तो पिछले साल इतने सारे एक्टर्स की मौत नहीं होती.
पिछले साल अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला , कोमेडियन राजू श्रीवास्तव, ऐक्टर दीपेश भान की भी मौत वर्कआउट करते वक्त दिल का दौरा (Heart Attack) आने की वजह से हुई, तो क्या अब जिम हो चुकी है जानलेवा? क्या जिम में सख्त ट्रेनिंग होती है? जिम के दौरान दिए जाने वाले सप्लिमेंट क्या जानलेवा? जिम में वर्कआउट (Workout in Gym) करने के दौरान क्यों पड़ रहा हैं दिल का दौरा? दरअसल, दिल का दौरा पड़ने के कारण मृत्यु हो जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच जिम में वर्कआउट के दौरान भी अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जिम में वर्कआउट करते वक्त सीधा असर दिल पर किस तरह पड़ता है.
डॉक्टर अंकुर ने बताया के आकस्मत दिल का दौरा पड़ने का मुख्य कारण है अधिक वर्कआउट करना या फिर रूटीन में ना रह कर अचानक से अधिक व्यायाम करना. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने शरीर का चेक अप कुछ महीनों के अंतराल में बार-बार करना चाहिए. लोगों के सेहत पर सप्लीमेंट्स भी बुरा असर करती हैं. डॉक्टर ने कहा, "कई लोग इसकी जांच किए बिना अधिक मात्रा में सप्लीमेंट ले लेते हैं. 90 प्रतिशत लोगों को लगता है के उन्हे एसिडिटी के कारण सीने में दर्द होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. कोलस्टोरल लेवल अधिक हो सकता है, इसीलिए हेल्थ का चेक अप करना बेहद जरूरी है. वहीं, जिम इंडस्ट्री में भी ट्रेनर्स के पास सर्टिफिकेट होना जरूरी है. लोगों के अच्छे स्वास्थ की जिम्मेदारी उनकी हैं."
जिम जाने से पहले इन बातों का रखें ख्याल
डॉक्टर अंकुर ने कहा कि हर जिम जाने वाले व्यक्ति को एक डाइट का चार्ट फॉलो करना अनिवार्य होता है. उनका स्वास्थ्य बनाने के पीछे डाइट ही मुख्य कारण होता हैं. संजय चवाण जो की एक कंसल्टेंट है,और जिम जाने वाले लोगों को डाइट की सलाह देते हैं. उन्होंने बताया कि जिम में बॉडी नहीं बनती हैं, बॉडी डाइट से बनती है. हमारी सलाह होती है के खाना हर दो घंटों में थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए और ना ही एक वक्त में अधिक संख्या में खाना चाहिए. डॉक्टर ने आगे कहा कि सप्लीमेंट्स हमारे अनुसार लेना जरूरी है क्योंकि जिन लोगों को खाने से प्रोटीन कम मिलता है. उन्हें सप्लीमेंट्स से यह प्रोटीन मिल सकता हैं, लेकिन हर चीज एक सीमा में करनी चाहिए. अगर सीमा से अधिक की तो हानिकारक हो सकती है.
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'हर कोई जिम ट्रेनिंग नहीं दे सकता हैं'
जिम में हार्ट अटैक आने की वजह से हो रही मौत पर जिम के मालिक और ट्रेनर विक्रांत देसाई ने एबीपी न्यूज को बताया के वर्कआउट हर किसी को करना चाहिए, लेकिन आज कल जो हो रहा है गलत हो रहा हैं. ये जिम्मेदारी हमारी है, हम एक डॉक्टर की तरह है लोगों का सेहत बनाने की जिम्मेदारी हमारी है, लेकिन हमारी ही इंडस्ट्री में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. विक्रांत ने बताया कि जिम की संख्या पूरे देश में अधिक हो चुकी है. हर कोई जिम को एक बिजनेस मान कर उसमे इन्वेस्ट कर रहा है, लेकिन इस चक्कर में वह सर्टिफिकेट ट्रेंनर नहीं रखते हैं और हर कोई जिम ट्रेनिंग नहीं दे सकता हैं. सर्टिफिकेट होना जरूरी हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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