'इन ब्लड ग्रुप वालों का 60 से पहले स्ट्रोक का खतरा बना रहता है.' यह बात किसी को भी हैरान करने के साथ-साथ परेशान कर सकती है. यह सिर्फ सुनी सुनाई बात नहीं है बल्कि कई साइंटिस्ट ने इसे फ्रूफ तक कर दिया है. साइंटिस्ट का दावा है कि कुछ ब्लड ग्रुप ऐसे हैं जिन्हें 60 से पहले स्ट्रोक का खतरा बना रहता है. मैरीलैंड यूनिवर्सिटी की एक टीम ने न्यूरोलॉजी मैगजीन में एक आर्टिकल पब्लिश किया है. जिसमें उन्होंने दावा किया है कि इन ब्लड ग्रुप के लोगों को 60 से पहले स्ट्रोक का खतरा बना रहता है. 


ओ पॉजिटिव की तुलना में दूसरे ब्लड ग्रुप को स्ट्रोक का खतरा


'अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी' के 'मेडिकल जर्नल' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक एक जवान लड़के को जब स्ट्रोक पड़ा तब उसके ब्लड ग्रुप और जीन वेरिएंट पर रिसर्च किए गए. साथ ही उस लड़के की पूरी जेनेटिक बीमारी, ब्लड के ऊपर रिसर्च करके एक डेटा तैयार किया गया. जिसमें पता चला कि इस लड़के को इस्केमिक स्ट्रोक आया था. इस्केमिक स्ट्रोक तब आता है जब आपके ब्रेन में ब्लड का फ्लो कम हो जाए या ब्रेन में ब्लड ब्ल़़ॉकेज होने लगे. बाल्टीमोर में 'यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन' के रिसर्चर लेखक ब्रेक्सटन डी. मिशेल ने कहा कि ओ पॉजिटिव की तुलना में दूसरे ब्लड ग्रुप वालों को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है. रिसर्च में यह बात सामने आई है कि 0+ को छोड़कर बाकी दूसरे ब्लड ग्रुप औऱ स्ट्रोक में काफी मजबूत लिंक देखा गया. 


ब्लड ग्रुप 'ए' और 'ओ' की जीन वेरिएंट


ब्रेक्सटन डी मिशेल ने कहा कि ब्लड ग्रुप 'ए' और 'ओ' की जीन वेरिएंट के जेनेटिक जांच की गई . जिसमें पता चला कि इन ब्लड ग्रुप वालों को स्ट्रोक का खतरा रहता है. नॉर्थ अमेरिका, यूरोप और एशिया के जेनेटिक्स और इस्केमिक स्ट्रोक पर 48 से अधिक लोगों के ऊपर रिसर्च किया गया. जिन लोगों को स्ट्रोक हुआ था, उनमें से 5,825 लोगों को शुरुआती स्ट्रोक और 9,269 लोगों को देर से शुरू हुआ स्ट्रोक था. प्रारंभिक शुरुआत स्ट्रोक को 60 वर्ष से पहले होने वाले इस्केमिक स्ट्रोक के रूप में परिभाषित किया गया था और देर से शुरू होने वाला स्ट्रोक 60 वर्ष से अधिक पुराना था.


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