इसमें कोई शक नहीं है कि हम चावल पसंद करते हैं, लेकिन क्या हम उसे सही तरीके से पका रहे हैं? आपको अचरज हो सकता है और सोच सकते हैं कि पकाने का वास्तव में इससे क्या लेना-देना है? जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे  फूड्स केमिकल्स से भरे होते हैं. इसका मतलब हुआ कि हम बिना एहसास किए हुए केमिकल्स को गटक रहे हैं, और जो भविष्य में हमारे लिए बहुत परेशानी का कारण बन सकता है.


ये केमिकल्स हर तरह से हमारे फूड्स में धीरे-धीरे दाखिल होने लगते हैं. खेती के दौरान कई फैक्टर फसलों के उचित विकास में योगदान देते हैं. अत्यधिक कीटनाशक या दूषित पानी पैदावार में घुस सकता है, जो खाने के लिए उसे जहरीला बनाता है और लंबे समय तक सेवन से कैंसर और दिल की बीमारियों भी हो सकती हैं.


इंग्लैंड की क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट की रिसर्च के मुताबिक मिट्टी में कीटनाशक और इंडस्ट्रियल टॉक्सिन्स के केमिकल चावल को दूषित करते हैं जो वास्तव में लोगों की सेहत के लिए खतरा पैदा कर रहा है. कई मामलों में चावल आर्सैनिक प्वायजनिंग पैदा कर रहा है. इसलिए, हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें उसे खाना छोड़ देना चाहिए? बिल्कुल नहीं, बल्कि आपको सीखना चाहिए कि उसे ठीक तरीके से कैसे पकाएं. लेकिन उसको जानने से पहले आर्सैनिक के बारे में जान लें कि ये आपकी सेहत के लिए कैसे नुकसानदेह हो सकता है.


चावल की शक्ल में आप जहर का सेवन तो नहीं कर रहे?


आर्सैनिक एक केमिकल है जो कई मिनरल्स में मौजूद होता है. ये इंडस्ट्रियल कीटनाशक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला सबसे आम तत्व भी है. कई देशों के भूजल में आर्सैनिक का ऊंचा लेवल पाया जाता है. दुर्भाग्य से, अगर हम उस केमिकल की चपेट में लंबे समय तक रहते हैं, या फूड के जरिए या पानी से, तो आर्सैनिक प्वायजनिंग होने की आशंका है. उससे उल्टी, पेट दर्द और डायरिया हो सकता है, और कैंसर भी. चावल को आर्सैनिक प्वायजनिंग पैदा करने के लिए जाना जाता है. कई रिसर्च में बताया गया है कि कृषि के गलत तरीके चावल में आर्सैनिक प्वायजनिंग के टॉक्सिक लेवल को बढ़ा सकते हैं. और अगर हम चावल ठीक से नहीं पकाते हैं, तो उससे सेहत को खतरनाक जोखिम हो सकते हैं. 


क्या आर्सैनिक के जहर को रोकने का कोई तरीका है?


क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट की रिसर्च में बताया गया है कि चावल खाने से पहले, उसे पानी में रात भर भीगो दें ताकि आर्सैनिक प्वायजनिंग की संभावना को कम किया जा सके और इस तरह कैंसर, डायबिटीज और दिल की बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. नतीजे बताते हैं कि रात भर चावल भिगोने से जहर का लेवल 80 फीसद तक कम हो जाता है. दूसरे प्रयोग में, पानी के पांच हिस्से को चावल के एक हिस्से में मिलाकर अतिरिक्त पानी को हटा दिया गया. उससे पता चला कि आर्सैनिक का लेवल करीब आधा हो गया. तीसरे प्रयोग के तहत पानी का आधा हिस्सा के अनुपात को एक हिस्सा चावल में इजाफा किया गया, जहां खाना पकाने के दौरान पानी भाप बनकर उड़ गया था.