नई दिल्लीः ठंड दिनोदिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोग ज्यादा से ज्यादा कपड़े पहनते हैं या फिर खुद को टोपी, मफलर और दस्तानों से कवर करके रखते हैं. कुछ लोग ओवरकोट पहनना पसंद करते हैं तो कुछ लोग बूट्स. लेकिन जब इन चीजों की केयर करने की बात आती है तो लोग इसमें लापरवाही बरतने लगते हैं. आपने कभी सोचा है कि आखिरी बार आपने अपने दस्ताने, मफलर या ओवरकोट कब धोया था? क्या आप जानते हैं सर्दियों में ये चीजे आपको बीमार कर सकती हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कौन सी हैं वे चीजें जिनकी ठीक से साफ-सफाई ना करने पर आप बीमार पड़ सकते हैं.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
एरिजोना यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायलॉजिस्ट चार्ल्स गर्बा का कहना है कि मैं लोगों को आमतौर पर सलाह देता हूं कि आपको हर वो चीज एक सप्ताह में धो लेनी चाहिए जो आप सार्वजनिक तौर पर पहनते या इस्तेमाल करते हैं. जर्म्स एक्सपर्ट चार्ल्स का कहना है कि आमतौर पर लोग जल्दी से विंटर कोट नहीं धोते. नतीजन वायरस और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जिससे लोगों को छींक आने लगती है और कोल्ड बढ़ जाता है. कई बार ये सिचुएशन ज्यादा खराब भी हो सकती है.


इन चीजों की साफ-सफाई का रखें ध्यान-


दस्ताने (ग्लव्स)-
सर्दियों में आपके हाथों को गर्म करने वाले ग्लव्स में सबसे ज्यादा जर्म्स होते हैं. चार्ल्स ने 2015 में एक रिसर्च के दौरान पाया था कि सार्वजनिक जगहों पर आप पोल और रोड सबसे ज्यादा पकड़ते हैं जिनमें बहुत जर्म्स होते हैं. इंसान एक घंटे में तकरीबन 16 बार अपने गालों और नाक को छूता है. इसलिए सर्दियों में आपको सबसे ज्यादा सर्दी-खांसी की दिक्कत होती हैं.


ग्लव्स को धोने का तरीका-
ग्लव्स से सभी माइक्रोब्स को खत्म करने के लिए सप्ताह में एक बार गर्मागर्म पानी में इसे डूबो दें. इसके बाद इसे अच्छी तरह से धोकर ड्रायर कर लें. जिससे सभी जर्म्स खत्म हो जाएंगे. लैदर के ग्लव्स थोड़े मोटे होते हैं तो उन्हें धोते हुए ध्यान रखें कि वे खराब ना हो. आप चाहे तो इन्हें ड्राईक्लीन भी करवा सकते हैं.


ध्यान रखें- मेट्रो कार्ड निकालते हुए, बस में या सार्वजनिक वाहनों में सफर करते हुए या फिर रास्ते में लंबा सफर करते हुए ग्लव्स को निकाल दें. इससे इनमें कम बैक्टीरिया लगेंगे.


टोपी, स्कार्फ और मफलर-
यूं तो लोग टोपी, स्कार्फ और मफलर का कम इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप अगर टोपी, स्कार्फ या मफलर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है. चार्ल्स बताते हैं कि टोपी, स्कार्फ और मफलर इम्यून सिस्टम को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती लेकिन आपको मुंहासों की दिक्क्त है तो टोपी आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है. वॉशिंगटन, डीसी स्थित डर्माटोलोजिस्ट टीना अल्स्टर का कहना है कि आपकी टोपी पर मौजूद बैक्टीरिया और डस्ट आपके चेहरे को नुकसान पहुंचा सकती है.


वहीं मफलर और स्कार्फ को ठीक से क्लीन ना किया जाए तो आपको ब्रीदिंग प्रॉब्ल‍म्स हो सकती हैं.


टोपी, स्कार्फ और मफलर को धोने का तरीका-
अगर आप रोजाना टोपी, स्कार्फ और मफलर पहनते हैं तो सप्ताह में एक बार इन्हें जरूर धोएं. बहुत सी टोपियां बहुत डेलिकेट होती हैं तो उन्‍हें हाथ से धोने की जरूरत होती है. आप अच्छे डिटर्जेंट से टोपी को हाथ से ही धोएं तो बेहतर होगा.


ओवरकोट-
विंटर कोट्स पर मौजूद जर्म्स और बैक्टीजरिया को लेकर बहुत रिसर्च नहीं हुई है लेकिन ओवरकोट पहनने के दौरान भी बहुत सावधानी रखने की आवश्यकता है. किसी भी कपड़े को सप्ताह में एक बार जरूर धोना चाहिए. फिर चाहे वो टाई ही क्यों ना हो. ओवरकोट अगर आप घर में नहीं धो सकते तो आपको ड्राईक्लीन जरूर करवाना चाहिए.


बूट्स-
फुटवियर्स में बैक्टीरिया मिलना बहुत आमबात है और जब बात हो बूट्स की तो इन पर बैक्टीरिया पनपने का खतरा ज्यादा रहता है. अगर आप ऐसे शूज घर में लाते हैं जिनमें बैक्टीरिया हैं तो ये आपके घर को तो दूषित करते ही हैं साथ ही ये खाने में भी जा सकते हैं. ऐसे में फुटवियर्स के इस्तेमाल के दौरान इनकी साफ-सफाई पर भी ध्‍यान देना बहुत जरूरी है.


फुटवियर्स को क्लीन करने के लिए बूट्स के बॉटम को सबसे पहले एंटी सेपि्टक वाइप्स से साफ करें. घरभर में बूट्स पहनकर ना घूमे.


ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.