खुशखबरी! जीका वायरस से हो सकता है घातक ब्रेन कैंसर का इलाज
ज़ीका वायरस: हाल ही में आयी रिसर्च से ये पता चलता है कि ये वायरस लोगों के ब्रेन में पैदा हुए घातक कैंसर सेल्स को खत्म कर सकता है.
नई दिल्ली: अब तक ज़ीका वायरस को केवल हम हेल्थ के लिए खतरे के रूप में देखते आये हैं किसी उपाय के रूप में नहीं. लेकिन हाल ही में आयी रिसर्च से ये पता चलता है कि ये वायरस लोगों के ब्रेन में पैदा हुए घातक कैंसर सेल्स को खत्म कर सकता है.
क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के मुताबिक, ज़ीका वायरस ब्रेन कैंसर से जुड़े सेल्स को भी मार सकता है. रिसर्च में ये पता चला है कि ब्रेन कैंसर की घातक किस्म ग्लियोब्लास्टोमा के लिए ज़ीका वायरस एक बेहतर ट्रीटमेंट का रास्ता निकाल सकता है. ब्रेन कैंसर की यह किस्म एक साल के अंदर जानलेवा साबित हो सकती है.
कैसे काम करेगा जीका वायरस- रिसर्च में सामने आया है कि इस वायरस की घातक शक्ति को दिमाग में मौजूद एक-दूसरे के अपोजिट सेल्स की दिशा को मोड़ा जा सकता है. ऐसा करने से ग्लियोब्लास्टोमा कैंसर से लड़ रहे मरीजों की स्थिति में सुधार आ सकता है.
कैसे की गई रिसर्च- ये टेस्ट विकसित चूहों पर किया गया. ज़ीका वायरस के इंजेक्शन ने चूहे में मौजूद ट्यूमर को बाकी ब्रेन सेल्स को बिना डैमेज किये छोटा कर दिया.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट- एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन रिपोर्ट्स की जर्नल का कहना है कि इसका परीक्षण इंसानों पर बाद में होगा पर एक्सपर्ट्स के मुताबिक ज़ीका वायरस को ब्रेन में उसी टाइम इंजेक्ट कर सकते हैं जब खतरनाक ट्यूमर्स को हटाने की सर्जरी हो रही हो. लैब में ज़ीका ट्रीटमेंट इंसानों के सेल्स पर अपना असर दिखा रहा है.
वहीं अमेरिका में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल एस डायमंड का कहना है कि हमने दिखाया है कि जीका वायरस उन ग्लियोब्लास्टोमा कोशिकाओं को मार सकता है, जो मौजूदा उपचारों की प्रतिरोधी हैं और मौत की वजह बनती हैं.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
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